SWP बनाम डिविडेंड प्लान: कौन-सा म्यूचुअल फंड देगा आपको बिना टेंशन वाली इनकम?

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SWP बनाम डिविडेंड प्लान: कौन-सा म्यूचुअल फंड देगा आपको बिना टेंशन वाली इनकम? SWP vs Dividend Plans, Which is better for monthly income – रिटायरमेंट के बाद एक व्यक्ति का वेतन बंद हो जाता है, लेकिन खर्चे तो चलते ही रहते हैं। घर का खर्च, मेडिकल इमरजेंसी, और दूसरी जरूरतें रुकती नहीं हैं। ऐसे में रिटायरमेंट प्लानिंग का सबसे जरूरी हिस्सा होता है रेगुलर इनकम का इंतजाम।

म्यूचुअल फंड के दो विकल्प—डिविडेंड प्लान (Dividend Plan) और सिस्टमैटिक विथड्रॉल प्लान (SWP)—लोगों को नियमित आमदनी के लिए आकर्षित करते हैं। लेकिन सवाल यह है कि इन दोनों में से कौन-सा विकल्प आपके लिए बेहतर है?

इस लेख में हम इन दोनों विकल्पों के बीच के अंतर को समझेंगे और जानेंगे कि किस स्थिति में कौन-सा ऑप्शन आपके लिए सही है।

सिस्टमैटिक विथड्रॉल प्लान (SWP) क्या है?

SWP एक ऐसा म्यूचुअल फंड विकल्प है, जिसमें निवेशक अपने कुल निवेश से नियमित अंतराल पर पैसे निकाल सकते हैं। यह विकल्प उन लोगों के लिए बेहतर है, जो नियमित आमदनी के साथ अपने निवेश को भी बनाए रखना चाहते हैं।

SWP कैसे काम करता है?

मान लीजिए कि आपने किसी म्यूचुअल फंड में ₹20 लाख का निवेश किया है। अब आप हर महीने ₹20,000 निकालना चाहते हैं। SWP के तहत यह रकम आपके फंड से नियमित रूप से निकाली जाएगी। लेकिन बाकी बची राशि फंड में बनी रहेगी और वह आगे भी रिटर्न जनरेट करती रहेगी।

SWP की खासियतें

  1. लचीलापन: आप खुद तय कर सकते हैं कि आपको कब और कितनी रकम निकालनी है।
  2. दोहरा लाभ: नियमित आमदनी के साथ बची हुई राशि पर रिटर्न मिलता रहता है।
  3. टैक्स में राहत: SWP के तहत 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स नहीं लगता।

उदाहरण

मान लीजिए कि आपने ₹25 लाख का निवेश किया है और आप हर महीने ₹15,000 निकालते हैं। इस तरह आपके पास नियमित आमदनी का जरिया भी रहेगा और बाकी निवेश से मुनाफा भी मिलता रहेगा।

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डिविडेंड प्लान क्या है?

डिविडेंड प्लान में फंड हाउस आपके निवेश पर हुए मुनाफे का एक हिस्सा आपको डिविडेंड के रूप में देता है। यह डिविडेंड फंड के प्रदर्शन और बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है।

डिविडेंड प्लान की खासियतें

  1. अनिश्चितता: डिविडेंड की रकम और समय फिक्स नहीं होता।
  2. बाजार पर निर्भर: अगर फंड का प्रदर्शन अच्छा नहीं है, तो डिविडेंड मिलना बंद भी हो सकता है।
  3. टैक्स का असर: डिविडेंड पर इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है।

उदाहरण

अगर आपने किसी डिविडेंड प्लान में ₹10 लाख लगाए हैं और फंड ने 10% का मुनाफा कमाया, तो फंड हाउस इसका एक हिस्सा आपको डिविडेंड के रूप में देगा। लेकिन यह रकम फिक्स नहीं है और बाजार की स्थिति के अनुसार बदल सकती है।

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SWP और डिविडेंड प्लान: क्या है फर्क?

पैरामीटर SWP डिविडेंड प्लान
राशि और समय राशि और समय निवेशक तय करता है। फंड हाउस तय करता है।
टैक्स का असर LTCG पर 1.25 लाख तक छूट। डिविडेंड पर टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स।
निश्चितता नियमित और फिक्स्ड आमदनी। अनिश्चित और अस्थिर आमदनी।
बाजार का असर कॉर्पस बचा रहता है और ग्रोथ करता है। पूरी तरह फंड प्रदर्शन और बाजार पर निर्भर।

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आपके लिए कौन-सा ऑप्शन सही है?

SWP चुनें अगर

  1. आपको हर महीने निश्चित आमदनी चाहिए।
  2. आप टैक्स में छूट का लाभ लेना चाहते हैं।
  3. आप अपनी पूंजी को बनाए रखते हुए आमदनी पाना चाहते हैं।

डिविडेंड प्लान चुनें अगर

  1. आपको तयशुदा आमदनी की जरूरत नहीं है।
  2. आप फंड के प्रदर्शन के आधार पर जोखिम उठाने को तैयार हैं।
  3. आपको अपने निवेश को तुरंत कैश में बदलने की जरूरत नहीं है।

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SWP और डिविडेंड प्लान: कौन-सा बेहतर है?

अगर आप रिटायरमेंट के बाद की रेगुलर इनकम की बात करें, तो SWP एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इसके जरिए आप अपने निवेश को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं और टैक्स में भी बचत कर सकते हैं।

हालांकि, निवेश का कोई भी विकल्प पूरी तरह से गारंटीड नहीं होता। SWP भी बाजार से जुड़ा होता है, इसलिए मुनाफा निश्चित नहीं होता। इसके विपरीत, डिविडेंड प्लान में आमदनी पूरी तरह से फंड के प्रदर्शन पर निर्भर करती है, जो इसे थोड़ा जोखिमभरा बनाता है।

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निष्कर्ष: सोच-समझकर करें फैसला

रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम की प्लानिंग करना बहुत जरूरी है। SWP और डिविडेंड प्लान, दोनों ही अपने-अपने फायदे और नुकसान के साथ आते हैं। अगर आप स्थिर आमदनी चाहते हैं और टैक्स में बचत करना चाहते हैं, तो SWP आपके लिए बेहतर हो सकता है।

डिविडेंड प्लान उन लोगों के लिए सही है, जो बाजार के जोखिम को समझते हैं और अनिश्चित आमदनी के लिए तैयार हैं। किसी भी विकल्प को चुनने से पहले अपनी जरूरतों, जोखिम उठाने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्य का मूल्यांकन जरूर करें।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर करें। म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। निवेश से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

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