होम लोन खत्म करें या निवेश बढ़ाएं? 99% लोग नहीं जानते सही जवाब!

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होम लोन खत्म करें या निवेश बढ़ाएं? 99% लोग नहीं जानते सही जवाब!, Should You Invest or Prepay Your Home Loan – आजकल म्यूचुअल फंड से निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ होम लोन की ब्याज दरें अभी भी काफी ऊंची हैं।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या म्यूचुअल फंड से पैसा निकालकर होम लोन चुकाना सही रहेगा? यह एक ऐसा फैसला है, जो आपकी फाइनेंशियल स्थिति और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। आइए इसे सरल शब्दों में समझने की कोशिश करते हैं।

पैसे के सही इस्तेमाल का महत्व

पैसा कमाना जितना जरूरी है, उसे सही जगह लगाना भी उतना ही जरूरी है। अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहे हैं और दूसरी तरफ होम लोन की ईएमआई भर रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कौन-सा विकल्प ज्यादा फायदेमंद है।

इस लेख में, हम इन दोनों विकल्पों को आसान उदाहरणों के साथ समझाएंगे ताकि आप सही निर्णय ले सकें।

म्यूचुअल फंड का रिटर्न बनाम होम लोन का ब्याज

सोचिए, आपने ₹10 लाख म्यूचुअल फंड में लगाए हैं और आपको 12% का सालाना रिटर्न मिल रहा है। इसका मतलब है कि एक साल बाद आपका पैसा ₹11.2 लाख हो जाएगा। वहीं, अगर आपके होम लोन की ब्याज दर 9% है, तो आप एक साल में ₹9 लाख के लोन पर ₹81,000 ब्याज चुकाएंगे।

क्या समझें?
आप म्यूचुअल फंड में पैसा रखकर 12% कमा रहे हैं और होम लोन पर 9% दे रहे हैं। इसका मतलब हुआ कि आपको 3% का शुद्ध फायदा हो रहा है। ऐसे में म्यूचुअल फंड में पैसा लगाए रखना ज्यादा समझदारी भरा हो सकता है।

लेकिन ध्यान दें:

  • अगर म्यूचुअल फंड का रिटर्न स्थिर नहीं है और बाजार गिरता है, तो आपको नुकसान हो सकता है।
  • इस स्थिति में होम लोन चुकाना बेहतर विकल्प हो सकता है।

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होम लोन का ब्याज: कितना नुकसान होता है?

होम लोन लंबी अवधि के लिए लिया जाता है, जैसे 20-25 साल। इसमें ब्याज का बोझ बहुत ज्यादा हो सकता है।
उदाहरण के तौर पर:

  • आपने ₹50 लाख का लोन 20 साल के लिए 8.5% ब्याज दर पर लिया है।
  • कुल मिलाकर आप लगभग ₹54 लाख का ब्याज देंगे।
  • अगर आप ₹10 लाख एकमुश्त प्रीपेमेंट करते हैं, तो आपकी लोन अवधि 4-5 साल कम हो सकती है और आप ₹13 लाख तक का ब्याज बचा सकते हैं।

यानी अगर आपके पास अतिरिक्त पैसा है, तो प्रीपेमेंट से आप लोन का बोझ काफी हद तक कम कर सकते हैं।

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टैक्स का असर: म्यूचुअल फंड और होम लोन दोनों पर

म्यूचुअल फंड पर टैक्स

म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने पर टैक्स का ध्यान रखना जरूरी है।

  • अगर आपने इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश किया है और ₹1.25 लाख से ज्यादा का मुनाफा हुआ है, तो आपको 12.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।
  • अगर आपका निवेश डेट फंड में है, तो टैक्स आपकी इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से लगेगा।

होम लोन पर टैक्स लाभ

  • होम लोन पर आपको धारा 80सी के तहत ₹1.5 लाख तक की प्रिंसिपल राशि पर टैक्स छूट मिलती है।
  • धारा 24(b) के तहत ₹2 लाख तक के ब्याज पर भी छूट मिलती है।

तो क्या करें?
अगर आप इन टैक्स छूटों का पूरा फायदा उठा रहे हैं, तो होम लोन जारी रखना आपके लिए बेहतर हो सकता है। लेकिन अगर टैक्स छूट से आपको ज्यादा फायदा नहीं हो रहा, तो प्रीपेमेंट का ऑप्शन सोच सकते हैं।

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पैसे की उपलब्धता (लिक्विडिटी) का ध्यान रखें

म्यूचुअल फंड एक ऐसा निवेश है, जिसे जरूरत पड़ने पर आसानी से भुनाया जा सकता है।

  • अगर आपके पास इमरजेंसी फंड नहीं है और आपने सारा पैसा होम लोन प्रीपेमेंट में लगा दिया, तो आपको मुश्किल हो सकती है।
  • ऐसे में म्यूचुअल फंड में कुछ पैसा बनाए रखना समझदारी भरा कदम होगा।

कब होम लोन प्रीपेमेंट करें?

  1. जब ब्याज दर ज्यादा हो:
    • अगर आपका होम लोन का ब्याज म्यूचुअल फंड के रिटर्न से ज्यादा है, तो प्रीपेमेंट करें।
  2. रिटायरमेंट के पास:
    • रिटायरमेंट से पहले कर्ज मुक्त होना फाइनेंशियल सुरक्षा देता है।
  3. अगर आप जोखिम नहीं लेना चाहते:
    • अगर शेयर बाजार की अस्थिरता से आपको डर लगता है, तो होम लोन चुकाकर मानसिक शांति पा सकते हैं।

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कब म्यूचुअल फंड में निवेश बनाए रखें?

  1. अगर रिटर्न ज्यादा मिल रहा हो:
    • म्यूचुअल फंड से 12-15% का स्थिर रिटर्न मिल रहा है, तो निवेश बनाए रखें।
  2. टैक्स लाभ के कारण:
    • होम लोन पर टैक्स छूट से फायदा हो रहा है, तो लोन जारी रखें।
  3. दीर्घकालिक लक्ष्य:
    • बच्चों की पढ़ाई या रिटायरमेंट जैसे लक्ष्य प्रभावित हो सकते हैं, अगर आप सारा पैसा निकाल लेते हैं।

संतुलित दृष्टिकोण अपनाएं

अगर आप दोनों विकल्पों का फायदा लेना चाहते हैं, तो संतुलित दृष्टिकोण सबसे बेहतर रहेगा।

  • उदाहरण के तौर पर, आपके पास म्यूचुअल फंड में ₹10 लाख हैं।
  • आप ₹5 लाख का उपयोग होम लोन प्रीपेमेंट के लिए करें और ₹5 लाख निवेशित रखें।
  • इससे आपकी ईएमआई और ब्याज कम हो जाएगा, और बाकी पैसा म्यूचुअल फंड में बढ़ता रहेगा।

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निष्कर्ष: सही फैसला कैसे लें?

होम लोन चुकाना और म्यूचुअल फंड में निवेश, दोनों ही अच्छे विकल्प हो सकते हैं। यह पूरी तरह से आपकी वित्तीय स्थिति, भविष्य के लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है।

  • अगर आपको बाजार की अस्थिरता से डर लगता है, तो होम लोन चुकाना बेहतर होगा।
  • अगर आपको म्यूचुअल फंड से अच्छा रिटर्न मिल रहा है और आप दीर्घकालिक लक्ष्यों पर फोकस कर रहे हैं, तो निवेश बनाए रखें।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल जानकारी के लिए है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।

याद रखें: पैसा आपका है, और सही योजना बनाकर आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

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