सिर्फ ₹9,000 SIP और बना ₹35 लाख! Tata के इस म्यूचुअल फंड ने 1 साल में दिया 46.98% का रिटर्न! Tata mutual fund scheme convert 9K SIP to 35 lac – टाटा ग्रुप, जिसे किसी परिचय की जरूरत नहीं, भारत की सबसे पुरानी और सम्मानित कंपनियों में से एक है। 150 साल से भी ज्यादा पुरानी यह कंपनी हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुकी है, चाहे वह घरेलू सामान हो, ऑटोमोबाइल्स, स्टील, या एविएशन। टाटा ने हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज की है और भारतीय बाजार में अपनी साख को मजबूत किया है।
1994 में, टाटा ने म्यूचुअल फंड के क्षेत्र में कदम रखा, और आज टाटा एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड इस क्षेत्र में भरोसेमंद नाम बन चुका है। 30 सालों की अपनी यात्रा में, इस कंपनी ने न सिर्फ निवेशकों को स्थिर रिटर्न्स दिए हैं, बल्कि वित्तीय सुरक्षा का एक मजबूत विकल्प भी प्रस्तुत किया है।
आज जिस म्यूचुअल फंड की हम बात कर रहे हैं, वह टाटा डिजिटल इंडिया फंड है। यह फंड विशेष रूप से आईटी सेक्टर में निवेश करने के लिए बनाया गया है। 9 साल पहले लॉन्च हुए इस फंड ने निवेशकों के लिए शानदार रिटर्न्स दिए हैं। यदि आप आईटी सेक्टर की ग्रोथ का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो यह फंड आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
टाटा डिजिटल इंडिया फंड: क्या है खास?
Tata Digital India Fund – टाटा डिजिटल इंडिया फंड दिसंबर 2015 में लॉन्च हुआ था। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है जो मुख्य रूप से भारत और विदेशों में आईटी सेक्टर की कंपनियों में निवेश करती है। इस फंड का उद्देश्य अपने निवेशकों को मजबूत और स्थिर रिटर्न देना है।
मुख्य तथ्य
- लॉन्च की तारीख: दिसंबर 2015
- एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM): ₹11,835 करोड़ (31 अक्टूबर 2024 तक)
- रिटर्न्स:
- पिछले 6 महीनों में: 36.51%
- पिछले 1 साल में: 46.98%
- 9 साल का औसत रिटर्न: 23.15%
कैसे बना ₹9,000 की SIP से ₹35 लाख का कॉर्पस?
Tata Digital India Fund Returns – यदि किसी निवेशक ने इस फंड में हर महीने ₹9,000 की SIP की होती, तो 9 साल बाद उनका कुल निवेश ₹9,72,000 होता। लेकिन, शानदार 27.29% के वार्षिक रिटर्न के चलते यह निवेश ₹35.12 लाख तक बढ़ गया होता।
निवेश का सारांश
- कुल निवेश की गई राशि: ₹9,72,000
- कुल कॉर्पस: ₹35.12 लाख
- औसत वार्षिक रिटर्न: 27.29%
टाटा डिजिटल इंडिया फंड का पोर्टफोलियो
Tata Digital India Fund Portfolio – यह फंड मुख्य रूप से आईटी कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है। इसके अलावा, इंडस्ट्रियल और फाइनेंशियल सेक्टर की कंपनियों में भी इसका ध्यान है।
शीर्ष 5 शेयर
- इन्फोसिस (Infosys)
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS)
- टेक महिंद्रा (Tech Mahindra)
- विप्रो (Wipro)
- एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies)
इन बड़ी कंपनियों में निवेश करके फंड ने अपने निवेशकों को सुरक्षित और बढ़िया रिटर्न दिया है।
आईटी सेक्टर में निवेश क्यों?
आईटी सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा है। यह सेक्टर तकनीकी नवाचार, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, और ग्लोबल डिमांड के चलते तेजी से बढ़ रहा है। टाटा डिजिटल इंडिया फंड ने इसी सेक्टर की ग्रोथ पर भरोसा जताते हुए अपने निवेशकों को फायदा पहुंचाया है।
आईटी सेक्टर में निवेश के फायदे
- स्थिर और बढ़िया रिटर्न
- तकनीकी उन्नति से जुड़े अवसर
- ग्लोबल मार्केट में मांग की बढ़ोतरी
निवेशकों के लिए सुझाव
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो टाटा डिजिटल इंडिया फंड जैसे सेक्टोरल फंड पर विचार कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि सेक्टोरल फंड में जोखिम भी अधिक होता है, इसलिए निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें और अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
टाटा डिजिटल इंडिया फंड: एक नजर में
- यह फंड आईटी सेक्टर में निवेश करता है, जिससे इसे अन्य सामान्य फंड्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलता है।
- लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
- यह फंड उन लोगों के लिए है जो उच्च जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं।
निष्कर्ष
टाटा डिजिटल इंडिया फंड ने अपने 9 साल के सफर में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए हैं। ₹9,000 की मामूली SIP को ₹35 लाख तक बढ़ाने का उदाहरण यह दिखाता है कि सही निवेश और धैर्य से आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
हालांकि, म्यूचुअल फंड निवेश हमेशा जोखिम के साथ आते हैं। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्य, जोखिम सहने की क्षमता और निवेश की अवधि पर विचार करें।
डिस्क्लेमर
म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश योजना में पैसा लगाने से पहले योजना से संबंधित दस्तावेजों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।