पैसा होगा दोगुना और निकालने की टेंशन खत्म! इस स्कीम में मिलेंगे FD और सेविंग्स अकाउंट के डबल फायदे!, Advantages and Freedom of Sweep-In FD – अगर आप ऐसी योजना की तलाश में हैं, जो आपको फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जैसा रिटर्न दे और सेविंग अकाउंट की तरह पैसे निकालने की सुविधा भी, तो बैंक की स्वीप-इन एफडी सर्विस आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।
आइए जानते हैं, यह सुविधा क्या है, कैसे काम करती है और आपके लिए क्यों खास है।
क्या है स्वीप-इन एफडी?
स्वीप-इन एफडी एक अनोखी बैंकिंग सर्विस है जो आपके बचत खाते में अतिरिक्त धनराशि को फिक्स्ड डिपॉजिट में ट्रांसफर कर देती है। यह प्रक्रिया ऑटो-स्वीप के जरिए होती है, यानी आपके सेविंग्स अकाउंट में जो भी तय सीमा से अधिक राशि होगी, वह ऑटोमैटिकली एफडी में चली जाएगी।
इसका फायदा यह है कि आपको एफडी पर मिलने वाला ब्याज तो मिलता ही है, साथ ही जब भी आपको पैसे की जरूरत हो, आप इसे आसानी से निकाल सकते हैं।
ये भी पढ़े – कैसे बिल पेमेंट ऐप्स का सही उपयोग करके हर महीने अपने बजट में कर सकते हैं जबरदस्त सुधार!
कैसे काम करती है स्वीप-इन सुविधा?
- थ्रेशहोल्ड लिमिट तय करें:
सबसे पहले आपको अपने बैंक खाते के लिए एक न्यूनतम बैलेंस सीमा (Threshold Limit) तय करनी होगी। अगर इस सीमा से ज्यादा पैसे आपके खाते में हैं, तो अतिरिक्त धनराशि अपने-आप एफडी में ट्रांसफर हो जाएगी। - इमरजेंसी में फंड का इस्तेमाल:
तय की गई थ्रेशहोल्ड लिमिट आपके बचत खाते में हमेशा बनी रहती है, जिसे आप जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। - ब्याज का फायदा:
अतिरिक्त राशि पर आपको एफडी जैसा उच्च ब्याज मिलेगा।
स्वीप-इन एफडी की अवधि और निवेश राशि
- अवधि: 1 से 5 साल तक की होती है।
- निवेश राशि: बैंक आमतौर पर ₹1,000 के मल्टीपल में राशि ट्रांसफर करते हैं। हालांकि, कुछ बैंक ₹1 से ₹1,000 तक की कस्टमाइज्ड सुविधा भी देते हैं।
ये भी पढ़े – क्रेडिट कार्ड खर्च के लिए बेहतरीन बजट कैसे बनाएं? जानें प्रोफेशनल्स के 9 सीक्रेट्स
ब्याज दरें (Interest Rates)
स्वीप-इन एफडी पर ब्याज दरें सामान्य एफडी के समान होती हैं और यह अवधि पर निर्भर करती हैं। प्रमुख बैंकों की ब्याज दरें-
बैंक का नाम | ब्याज दर (प्रतिशत में) |
एक्सिस बैंक | 5.75% से 7.00% तक |
एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) | 4.75% से 6.50% तक |
एचडीएफसी बैंक | 4.50% से 7.00% तक |
आईसीआईसीआई बैंक | 4.50% से 6.90% तक |
केनरा बैंक | 5.50% से 6.70% तक |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 5.50% से 6.50% तक |
पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) | 4.50% से 6.50% तक |
आईडीबीआई बैंक | 4.50% से 4.80% तक |
इंडियन बैंक | 3.50% से 6.10% तक |
यस बैंक | 4.75% से 7.00% तक |
पोस्ट ऑफिस | 6.90% से 7.50% तक |
आरबीएल बैंक | 4.75% से 7.00% तक |
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक | 4.50% से 7.00% तक |
ये भी पढ़े – अब खराब सिबिल स्कोर पर भी मिलेगा Credit Card! ये तरीका अपनाएं और पायें बेजोड़ फायदे!
निकासी का नियम (Withdrawal Rules)
स्वीप-इन एफडी से पैसे निकालने का नियम बेहद आसान है।
- LIFO मेथड का इस्तेमाल:
जब भी आपके बचत खाते में पर्याप्त राशि न हो, तो बैंक लास्ट-इन-फर्स्ट-आउट (LIFO) मेथड का इस्तेमाल करते हुए आपकी स्वीप-इन एफडी से पैसा निकाल लेता है। - आंशिक निकासी:
आपको पूरी एफडी तोड़ने की जरूरत नहीं होती। जितनी राशि की जरूरत है, उतनी ही निकाली जा सकती है। - बिना पेनल्टी निकासी:
स्वीप-इन एफडी में जुर्माना नहीं लगता, और निकाले गए पैसे पर उतने ही दिनों का ब्याज दिया जाता है, जितने दिन वह एफडी में रहा।
स्वीप-इन एफडी क्यों चुनें?
- उच्च ब्याज दर: एफडी जैसा आकर्षक ब्याज।
- लिक्विडिटी: जरूरत पड़ने पर तुरंत पैसे निकालने की सुविधा।
- स्मार्ट निवेश: अतिरिक्त धनराशि पर बेहतर रिटर्न।
अगर आप अपने बचत खाते के पैसों को बेहतर तरीके से मैनेज करना चाहते हैं और एफडी के फायदे भी लेना चाहते हैं, तो स्वीप-इन एफडी आपकी पहली पसंद होनी चाहिए।
ये भी पढ़े – इंटरनेट की ज़रूरत खत्म! UPI पेमेंट्स के इस नए फीचर से होगा तुरंत भुगतान, जानें कितनी है इसकी लिमिट?
निष्कर्ष
स्वीप-इन एफडी सुविधा आपके पैसे को सेविंग्स अकाउंट से बेहतर तरीके से मैनेज करने का स्मार्ट तरीका है। यह आपको फिक्स्ड डिपॉजिट जैसा अच्छा रिटर्न और सेविंग्स अकाउंट जैसी लिक्विडिटी दोनों प्रदान करती है। अगर आप चाहते हैं कि आपका अतिरिक्त पैसा बिना किसी जोखिम के बेहतर ब्याज कमाए और इमरजेंसी में भी तुरंत उपलब्ध हो, तो यह सेवा आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
क्या आप स्वीप-इन एफडी का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं? अपनी राय और अनुभव नीचे कमेंट में जरूर शेयर करें!