बुढ़ापे में भी होगी रेगुलर इनकम! जानें इस स्कीम का सीक्रेट, हर महीने ₹20,000 घर बैठे कमाएं!

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बुढ़ापे में भी होगी रेगुलर इनकम! जानें इस स्कीम का सीक्रेट, हर महीने ₹20,000 घर बैठे कमाएं! Senior Citizens Savings Scheme monthly income plan of Rs. 20000 – रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी अक्सर आराम और सुकून की कल्पना के साथ शुरू होती है, लेकिन इसके साथ ही वित्तीय सुरक्षा का सवाल भी जुड़ा होता है।

उम्र बढ़ने के साथ नियमित आय का साधन होना बेहद जरूरी हो जाता है। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) की शुरुआत की है। यह स्कीम रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्रदान करने और पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित करने का बेहतरीन विकल्प है।

आइए, इस स्कीम के हर पहलू को विस्तार से समझते हैं।

सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) क्या है?

SCSS एक सरकारी बचत योजना है, जिसे विशेष रूप से सीनियर सिटीजंस के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें निवेश करने वाले सीनियर सिटीजंस को सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज मिलता है।

ब्याज का भुगतान और मैच्योरिटी

  • SCSS में निवेश पर मिलने वाला ब्याज 8.2% प्रति वर्ष है।
  • यह ब्याज तिमाही आधार पर मिलता है, जिसे नियमित आय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का होता है। मैच्योरिटी के बाद इसे बढ़ाने का विकल्प भी मिलता है।

SCSS के लाभ

उच्च ब्याज दर

SCSS भारत में उपलब्ध अन्य स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स में सबसे ज्यादा ब्याज देने वाली योजनाओं में से एक है।

सुरक्षित निवेश विकल्प

पोस्ट ऑफिस या बैंक के जरिए किए गए निवेश पर 100% सुरक्षा की गारंटी होती है।

टैक्स लाभ

SCSS में किए गए निवेश पर धारा 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा मिलता है।

रेगुलर इनकम का साधन

तिमाही आधार पर ब्याज मिलने से यह रिटायर्ड लोगों के लिए नियमित आय का भरोसेमंद साधन बनता है।

SCSS में निवेश कैसे करें?

न्यूनतम और अधिकतम डिपॉजिट

  • न्यूनतम निवेश: ₹1,000
  • अधिकतम निवेश: ₹30 लाख (सिंगल अकाउंट)

कैसे जमा करें पैसा?

  • ₹1 लाख तक नकद जमा किया जा सकता है।
  • ₹1 लाख से अधिक की राशि चेक के जरिए जमा करनी होती है।

एक घर में दो अकाउंट का विकल्प

यदि पति-पत्नी दोनों SCSS के लिए योग्य हैं, तो वे अलग-अलग अकाउंट खोल सकते हैं। इससे वे अपनी अधिकतम निवेश सीमा को बढ़ा सकते हैं और तिमाही आधार पर डबल इनकम का फायदा ले सकते हैं।

एकल और संयुक्त खाता

  • सिंगल अकाउंट: अधिकतम ₹30 लाख तक जमा कर सकते हैं।
  • ज्वॉइंट अकाउंट: पति-पत्नी मिलकर अधिकतम ₹30 लाख तक निवेश कर सकते हैं।
  • अलग-अलग अकाउंट: दोनों के पास अलग-अलग अकाउंट होने पर कुल ₹60 लाख तक का निवेश संभव है।

ब्याज और कुल रिटर्न की गणना

सिंगल अकाउंट में ब्याज का हिसाब

  • अधिकतम जमा: ₹30 लाख
  • ब्याज दर: 8.2%
  • तिमाही ब्याज: ₹60,150
  • सालाना ब्याज: ₹2,40,600
  • 5 साल में कुल ब्याज: ₹12,03,000
  • कुल रिटर्न: ₹42,03,000

दो अलग-अलग अकाउंट में ब्याज का हिसाब

  • कुल जमा: ₹60 लाख
  • ब्याज दर: 8.2%
  • तिमाही ब्याज: ₹1,20,300
  • सालाना ब्याज: ₹4,81,200
  • 5 साल में कुल ब्याज: ₹24,06,000
  • कुल रिटर्न: ₹84,06,000

SCSS बनाम अन्य बचत योजनाएं

SCSS को पोस्ट ऑफिस और बैंकों की अन्य योजनाओं की तुलना में बेहतर माना जाता है, क्योंकि:

  1. यह सबसे ज्यादा ब्याज दर (8.2%) प्रदान करती है।
  2. इसमें नियमित आय की गारंटी होती है।
  3. टैक्स छूट का अतिरिक्त लाभ मिलता है।

हालांकि, सुकन्या समृद्धि योजना भी एक उच्च ब्याज दर वाली योजना है, लेकिन वह केवल बालिकाओं के लिए उपलब्ध है। इस तरह SCSS सीनियर सिटीजंस के लिए सबसे उपयुक्त है।

कौन खोल सकता है SCSS अकाउंट?

पात्रता

  1. वह व्यक्ति जो 60 वर्ष या उससे अधिक का है।
  2. सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति 55-60 वर्ष की आयु में भी खाता खोल सकते हैं।
  3. NRIs और HUF इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।

स्कीम से जुड़े कुछ जरूरी नियम

  1. मैच्योरिटी के पहले निकासी:
    यदि किसी कारणवश मैच्योरिटी से पहले पैसे की जरूरत हो, तो आंशिक निकासी की अनुमति है। लेकिन इसके लिए मामूली पेनल्टी लग सकती है।
  2. खाता बंद करने का विकल्प:
    खाता बंद करना आसान है, लेकिन इसे बंद करने पर अर्जित ब्याज की कटौती हो सकती है।
  3. रीन्यूअल का विकल्प:
    5 साल की अवधि समाप्त होने पर खाता एक बार 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।

SCSS के टैक्स पहलू

  1. धारा 80C के तहत निवेश पर टैक्स छूट का लाभ।
  2. ब्याज आय पर टैक्स लागू होता है।
  3. यदि ब्याज आय ₹50,000 से अधिक हो, तो TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काटा जाएगा।

निष्कर्ष: क्यों चुनें SCSS?

सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम उन लोगों के लिए आदर्श है, जो अपने रिटायरमेंट फंड को सुरक्षित रखते हुए नियमित आय का इंतजाम करना चाहते हैं। यह योजना:

  • उच्च ब्याज दर,
  • सरकारी गारंटी, और
  • टैक्स लाभ जैसे कई फायदे प्रदान करती है।

हालांकि, इसमें निवेश करने से पहले अपनी जरूरतों और वित्तीय लक्ष्यों का मूल्यांकन करना जरूरी है। साथ ही, किसी भी संदेह की स्थिति में SEBI रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार की मदद लेना हमेशा एक अच्छा विकल्प है।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। निवेश से जुड़े निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। किसी भी प्रकार की हानि के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे।

इस जानकारीपूर्ण और सरल लेख के जरिए आप SCSS की पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं। अगर आपको यह लेख उपयोगी लगा हो, तो इसे शेयर करें और दूसरों को भी जागरूक बनाएं!

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