शेयर बाजार में भारी गिरावट से मचा कोहराम! जानिए क्यों डूबे ₹7.5 लाख करोड़ और कौन से 4 कारण हैं जिम्मेदार, 4 Big Reason of Share Market Fall – शेयर बाजार में लगातार पांच दिनों से गिरावट जारी है। कल 13 नवंबर को सेंसेक्स और निफ्टी में शुरुआती कारोबार में ही तेज गिरावट दर्ज की गई।
दोपहर करीब 3 बजे सेंसेक्स लगभग 1,018 अंक यानी 1.29% गिरकर 77,724 पर और निफ्टी 325 अंक यानी 1.36% लुढ़ककर 23,558 पर कारोबार कर रहा था। इस गिरावट के कारण बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप लगभग 7.5 लाख करोड़ रुपये तक घट गया। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी बड़ी गिरावट देखी गई, जबकि सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे।
गिरावट के मुख्य कारण
इस गिरावट के मुख्य कारणों में चार प्रमुख वजहें शामिल हैं:
महंगाई में बढ़ोतरी
अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.21% तक पहुंच गई है, जो पिछले 14 महीनों का उच्चतम स्तर है और आरबीआई के 2-6% लक्ष्य से अधिक है। इस बढ़ी हुई महंगाई के चलते आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें अब और धूमिल हो गई हैं, जो बाजार को प्रभावित कर रही है।
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कमजोर तिमाही नतीजे
कंपनियों के सितंबर तिमाही नतीजे अपेक्षा से कमजोर रहे हैं, जिससे बाजार में बेचैनी बढ़ी है। ब्रोकरेज फर्मों ने भी कई कंपनियों के स्टॉक्स की रेटिंग घटाई है, जिससे बाजार में नकारात्मकता बढ़ी है।
एफआईआई की लगातार बिकवाली
विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार निकासी के चलते भी बाजार पर दबाव बना हुआ है। नवंबर में अब तक करीब 25,180.72 करोड़ रुपये की निकासी हो चुकी है। इसके पीछे एक कारण चीन का सस्ता बाजार और सरकार की आर्थिक सुधार नीतियाँ भी हैं, जिससे निवेशक भारतीय बाजार के मुकाबले चीन की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
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उच्च वैल्यूएशन
मिडकैप और लार्जकैप सेगमेंट में अभी भी वैल्यूएशन ऊंचा है, जिससे निवेशक असहज महसूस कर रहे हैं। इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स में भी 5% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जो बाजार में अस्थिरता को दर्शाता है।
विशेषज्ञों का नजरिया
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है, लेकिन भारतीय बाजार के निकट भविष्य में मंदी के संकेत हैं।
डॉलर इंडेक्स में वृद्धि और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी भी भारत जैसे उभरते हुए बाजारों से विदेशी निवेश की निकासी को बढ़ा सकती है, जिससे आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो सकती है।
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निष्कर्ष
इस समय शेयर बाजार में अस्थिरता का दौर है, जिसका कारण मुख्यतः महंगाई, कमजोर तिमाही नतीजे, एफआईआई की बिकवाली और ऊंचा वैल्यूएशन है। इन परिस्थितियों में निवेशकों को सतर्कता बरतने और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था में उभरने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान वैश्विक आर्थिक दबावों के चलते निकट भविष्य में बाजार की स्थिति में स्थिरता आने में समय लग सकता है।