म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न में छुपा हुआ राज: RAR क्यों है CAGR से ज्यादा फायदे मंद?

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म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न में छुपा हुआ राज: RAR क्यों है CAGR से ज्यादा फायदे मंद? RAR vs CAGR Which one is better – आज के दौर में निवेशक अपने निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को समझने के लिए कई प्रकार के मानकों पर विचार करते हैं।

अब तक म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन को मापने के लिए कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) को प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता था, लेकिन अब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने रिस्क एडजस्टेड रिटर्न (RAR) को अनिवार्य रूप से रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है।

इस नए मानक का उद्देश्य निवेशकों को उनके निवेश पर मिलने वाले वास्तविक रिटर्न और उससे जुड़े जोखिम को बेहतर ढंग से समझाने में मदद करना है।

RAR क्या है और इसकी जरूरत क्यों पड़ी?

RAR एक ऐसा फाइनेंशियल मेट्रिक है जो यह दर्शाता है कि किसी म्यूचुअल फंड ने बेंचमार्क की तुलना में कितनी अतिरिक्त रिटर्न दी और इसके लिए कितना जोखिम उठाया गया।

अब तक AMCs (एसेट मैनेजमेंट कंपनियां) CAGR के जरिए फंड की परफॉर्मेंस को दिखाती थीं, लेकिन यह केवल औसत रिटर्न को दर्शाता है। इसमें यह स्पष्ट नहीं होता कि वह रिटर्न कितने जोखिम के साथ अर्जित किया गया है।

SEBI का मानना है कि RAR से निवेशकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि कौन सा फंड उनके लिए अधिक लाभकारी हो सकता है, क्योंकि यह मेट्रिक पारदर्शिता को बढ़ावा देता है और निवेशकों को सही निर्णय लेने में सहायता करता है।

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RAR की गणना कैसे की जाती है?

SEBI ने RAR की गणना के लिए एक सरल फॉर्मूला निर्धारित किया है:

RAR = (फंड रिटर्न – बेंचमार्क रिटर्न) / स्टैंडर्ड डेविएशन ऑफ एक्सेस रिटर्न

जहां:

  • फंड रिटर्न: म्यूचुअल फंड द्वारा उत्पन्न रिटर्न।
  • बेंचमार्क रिटर्न: संबंधित बेंचमार्क इंडेक्स की औसत रिटर्न।
  • स्टैंडर्ड डेविएशन: फंड के औसत रिटर्न से भिन्नता को दर्शाता है, जो जोखिम का संकेत देता है।

SEBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि RAR केवल इक्विटी-आधारित योजनाओं के लिए अनिवार्य होगा, और इसे टियर-1 बेंचमार्क इंडेक्स के साथ तुलना किया जाएगा।

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CAGR बनाम RAR: कौन बेहतर है?

बहुत से निवेशक यह सवाल पूछते हैं कि RAR और CAGR में क्या अंतर है और कौन सा बेहतर विकल्प है। CAGR केवल यह दर्शाता है कि किसी फंड ने कितनी दर से ग्रोथ की है, लेकिन यह जोखिम कारक को नजरअंदाज करता है। दूसरी ओर, RAR दर्शाता है कि किसी फंड ने अतिरिक्त रिटर्न अर्जित करने के लिए कितना जोखिम लिया है।

उदाहरण के लिए:

  • फंड A:
    • अतिरिक्त रिटर्न: 2%
    • ट्रैकिंग एरर (जोखिम): 5%
    • RAR = 2/5 = 0.4
  • फंड B:
    • अतिरिक्त रिटर्न: 3%
    • ट्रैकिंग एरर (जोखिम): 8%
    • RAR = 3/8 = 0.375

इस उदाहरण में, फंड A का RAR अधिक है, जिसका मतलब है कि इसने बेहतर जोखिम-समायोजित रिटर्न प्रदान किया है।

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RAR के फायदे

  1. बेहतर तुलना: RAR के जरिए निवेशक विभिन्न फंड्स की तुलना कर सकते हैं और देख सकते हैं कि कौन सा फंड कम जोखिम में अधिक रिटर्न दे रहा है।
  2. ट्रांसपेरेंसी: SEBI के इस कदम से म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में अधिक पारदर्शिता आएगी, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
  3. बेहतर निर्णय: निवेशक RAR की मदद से फंड का चुनाव कर सकते हैं जो उनके जोखिम सहने की क्षमता के अनुसार हो।

RAR की सीमाएं

जहां RAR निवेशकों के लिए उपयोगी है, वहीं इसके कुछ सीमित पक्ष भी हैं:

  1. समझने में कठिन: आम निवेशकों के लिए RAR को समझना थोड़ा जटिल हो सकता है, क्योंकि यह जोखिम और स्टैंडर्ड डेविएशन जैसी तकनीकी चीजों पर आधारित है।
  2. पूरा चित्र नहीं दिखाता: RAR केवल अतिरिक्त रिटर्न को मापता है, लेकिन यह पूरे रिटर्न के जोखिम का आकलन नहीं करता है, जो कि शार्प रेशियो करता है।
  3. फंड श्रेणी का प्रभाव: विभिन्न फंड श्रेणियों की तुलना RAR के माध्यम से उचित नहीं हो सकती क्योंकि प्रत्येक श्रेणी का बेंचमार्क अलग होता है।

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RAR का सही उपयोग कैसे करें?

वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशकों को RAR को अपनी निर्णय प्रक्रिया में शामिल करना चाहिए, लेकिन इसे एकमात्र मानदंड के रूप में नहीं अपनाना चाहिए। निवेशक को पहले अपनी निवेश अवधि और जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन करना चाहिए, फिर विभिन्न फंड्स के CAGR और RAR को देखकर फैसला लेना चाहिए।

RAR को केवल अंतिम चरण में उपयोग करना चाहिए, जब निवेशक ने कुछ संभावित फंड्स को शॉर्टलिस्ट कर लिया हो। SEBI ने निवेशकों को इस नए मेट्रिक के बारे में जागरूक करने के लिए AMCs और AMFI को निर्देशित किया है।

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निष्कर्ष

SEBI का RAR को लागू करने का निर्णय निवेशकों के लिए एक सकारात्मक कदम है, जो उन्हें म्यूचुअल फंड की परफॉर्मेंस को अधिक गहराई से समझने में मदद करेगा। हालांकि, निवेशकों को इस नए मेट्रिक को सही संदर्भ में उपयोग करना चाहिए और इसे अन्य कारकों जैसे जोखिम क्षमता और निवेश अवधि के साथ मिलाकर देखना चाहिए।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है। निवेश से पहले हमेशा वित्तीय विशेषज्ञ की सलाह लें। म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, कृपया सभी दस्तावेज ध्यानपूर्वक पढ़ें। उम्मीद है कि यह जानकारी आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय सही निर्णय लेने में सहायता करेगी।

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