म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया? ये गलती आपको लाखों का नुकसान करा सकती है! आज ही जाने

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म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया? ये गलती आपको लाखों का नुकसान करा सकती है! आज ही जाने, What is Total Expense Ration in Mutual Fund – जब भी हम म्यूचुअल फंड में निवेश की बात करते हैं, तो हमारा मुख्य ध्यान आमतौर पर रिटर्न और प्रदर्शन पर होता है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके निवेश से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण चीज़ क्या है? वह है Total Expense Ratio (TER)। यह एक ऐसा कारक है, जिसे हर निवेशक को समझना चाहिए क्योंकि यह सीधे आपके नेट रिटर्न को प्रभावित करता है।

आज इस लेख में हम Total Expense Ratio (TER) के बारे में विस्तार से जानेंगे—यह क्या होता है, कैसे काम करता है, इसे कैसे कैलकुलेट किया जाता है, और क्यों यह आपके निवेश के लिए मायने रखता है। साथ ही, हम देखेंगे कि SEBI इसे कैसे रेगुलेट करता है और आपको एक स्मार्ट निवेशक बनने के लिए TER पर कैसे ध्यान देना चाहिए।

टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) क्या होता है?

सीधे शब्दों में कहें तो, Total Expense Ratio (TER) वह प्रतिशत है, जो किसी म्यूचुअल फंड की कुल संपत्ति (AUM – Assets Under Management) में से उसके ऑपरेटिंग खर्चों के रूप में लिया जाता है।

जब आप किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो उस फंड को मैनेज करने में कई तरह के खर्च होते हैं, जैसे:

फंड मैनेजमेंट फीस – फंड मैनेजर की फीस
मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन खर्च
ट्रांजैक्शन फीस – शेयर खरीदने और बेचने की लागत
कस्टोडियल और एडमिनिस्ट्रेशन चार्ज
ऑडिट फीस और अन्य परिचालन खर्च

इन सभी खर्चों को मिलाकर जो प्रतिशत निकलता है, वही होता है Total Expense Ratio (TER)। यह खर्च फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) से पहले ही काट लिया जाता है, जिसका मतलब है कि जितना अधिक TER होगा, उतना ही आपके म्यूचुअल फंड का रिटर्न कम होगा।

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TER क्यों महत्वपूर्ण है?

अब आप सोच रहे होंगे कि यह आपके निवेश के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है? इसका जवाब यह है कि TER सीधे आपके रिटर्न को प्रभावित करता है

👉 कम TER = ज़्यादा रिटर्न
👉 ज्यादा TER = कम रिटर्न

अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो एक छोटा सा अंतर भी आपके फाइनल रिटर्न को लाखों रुपये तक प्रभावित कर सकता है।

एक उदाहरण से समझें

मान लीजिए आपने ₹10,000 म्यूचुअल फंड में लगाए हैं और उस फंड की अनुमानित वार्षिक रिटर्न दर 8% है। अब दो अलग-अलग फंड्स की तुलना करें:

फंड का नाम वार्षिक रिटर्न TER नेट रिटर्न
फंड A 8% 2% 6%
फंड B 8% 1% 7%

अगर आपने फंड A में निवेश किया, तो आपके ₹10,000 पर आपको 6% रिटर्न मिलेगा, जबकि फंड B में आपको 7% रिटर्न मिलेगा

अब अगर आप 10 साल के लिए निवेश करें, तो फंड A और फंड B के बीच का यह 1% का TER अंतर ₹1,000 से लेकर ₹10,000 तक का अंतर पैदा कर सकता है!

यही कारण है कि आपको TER को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।

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TER की गणना कैसे होती है?

TER की गणना करने का फ़ॉर्मूला बहुत सीधा है:

TER Formula

उदाहरण:
अगर किसी म्यूचुअल फंड की औसत AUM ₹1,000 करोड़ है और उसका कुल खर्च ₹25 करोड़ है, तो:

TER Example

इसका मतलब यह हुआ कि इस फंड का TER 2.5% है, यानी आपका निवेश हर साल 2.5% खर्चों में कट जाएगा

SEBI की TER पर क्या गाइडलाइन है?

SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) यह सुनिश्चित करता है कि म्यूचुअल फंड कंपनियां अधिक शुल्क न लें, इसलिए उसने TER की सीमा तय की हुई है

SEBI के नियम (2020 के बाद से लागू)

  • इक्विटी फंड्स के लिए, अगर AUM ₹500 करोड़ से कम है, तो TER 2.25% तक हो सकता है।
  • डेब्ट फंड्स के लिए, अगर AUM ₹500 करोड़ से कम है, तो TER 2% तक हो सकता है।
  • जैसे-जैसे फंड की AUM बढ़ती है, TER घटता जाता है

इसका मतलब यह है कि बड़े फंड्स का TER कम होता है, जिससे निवेशकों को अधिक रिटर्न मिलता है

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निवेश रणनीति में TER की भूमिका

क्या सिर्फ कम TER वाले फंड्स में ही निवेश करना सही रणनीति है? बिलकुल नहीं!

TER ज़रूरी है, लेकिन आपको इसके साथ अन्य महत्वपूर्ण फैक्टर्स को भी देखना चाहिए:

फंड का ऐतिहासिक प्रदर्शन – सिर्फ कम TER होने से अच्छा रिटर्न गारंटी नहीं होता।
फंड मैनेजर की रणनीति – कौन फंड मैनेज कर रहा है और उसकी ट्रैक रिकॉर्ड क्या है?
रिस्क फैक्टर – क्या यह फंड आपकी रिस्क प्रोफाइल से मेल खाता है?
एक्सिट लोड और अन्य चार्जेज – कई फंड्स में TER कम होता है लेकिन अन्य चार्जेज ज़्यादा होते हैं।

कैसे चुनें सही म्यूचुअल फंड?

कम TER वाले फंड को प्राथमिकता दें, लेकिन अन्य फैक्टर्स को भी ध्यान में रखें
इक्विटी फंड्स में लंबी अवधि के निवेश के लिए कम TER मददगार हो सकता है।
डायरेक्ट फंड्स का TER कम होता है, जबकि रेगुलर फंड्स में ज्यादा होता है।

क्या सिर्फ TER देखकर निवेश करना सही है?

बहुत से निवेशक यह गलती कर बैठते हैं कि वे सिर्फ कम TER देखकर फंड चुनते हैं। लेकिन यह अधूरी रणनीति हो सकती है।

👉 कम TER का मतलब यह नहीं कि फंड बेहतर प्रदर्शन करेगा।
👉 कई बार उच्च TER वाले फंड भी शानदार रिटर्न देते हैं।
👉 कुछ एक्टिव फंड्स के TER ज्यादा होते हैं, लेकिन वे मार्केट को बीट करने में सक्षम होते हैं।

इसलिए, फंड के पूरे प्रदर्शन और उसके निवेश रणनीति को समझकर ही निवेश करें

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निष्कर्ष: TER को नजरअंदाज न करें, लेकिन संतुलन बनाए रखें

Total Expense Ratio (TER) किसी भी म्यूचुअल फंड का छुपा हुआ खर्च है, जो आपके निवेश के रिटर्न को सीधे प्रभावित करता है।

📌 कम TER वाले फंड्स आमतौर पर अधिक रिटर्न देते हैं।
📌 SEBI ने TER पर सख्त नियंत्रण रखा है, जिससे निवेशकों को फायदा होता है।
📌 सिर्फ TER देखकर निवेश न करें, अन्य फैक्टर्स को भी देखें।

अंत में, अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो एक कम TER और अच्छा प्रदर्शन देने वाला फंड आपके लिए सही रहेगा। स्मार्ट इन्वेस्टिंग के लिए TER को समझना जरूरी है! 🚀

क्या आपको यह जानकारी उपयोगी लगी? अपने विचार हमें कमेंट में बताएं! 😊

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