क्या आप म्यूचुअल फंड ट्रांसफर कर सकते हैं? जानें यह गुप्त तरीका जो बैंक वाले भी नहीं बताते!, How to transfer mutual fund from one demat to another – क्या आप अपने परिवार के किसी सदस्य या दोस्त को म्यूचुअल फंड यूनिट गिफ्ट करना चाहते हैं?
या फिर अपने निवेश को बेहतर तरीके से मैनेज करने के लिए होल्डिंग्स को अलग-अलग खातों में शिफ्ट करने का विचार कर रहे हैं? बहुत से निवेशकों को यह नहीं पता कि वे म्यूचुअल फंड यूनिट्स को अपने Demat खाते से किसी अन्य Demat खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं।
हालांकि, यह प्रक्रिया ऑनलाइन नहीं बल्कि ऑफलाइन होती है और इसमें कुछ महत्वपूर्ण स्टेप्स का पालन करना जरूरी होता है। इस लेख में हम म्यूचुअल फंड यूनिट्स को एक Demat खाते से दूसरे में ट्रांसफर करने की पूरी प्रक्रिया को आसान और सरल भाषा में समझाएंगे, ताकि आप इसे आसानी से कर सकें।
Demat अकाउंट क्यों जरूरी है?
म्यूचुअल फंड यूनिट्स ट्रांसफर करने के लिए, आपके और रिसीवर (जिसे आप ट्रांसफर कर रहे हैं) दोनों के पास Demat अकाउंट होना अनिवार्य है। यदि आपकी म्यूचुअल फंड यूनिट्स अभी फिजिकल फॉर्म या SOA (Statement of Account) फॉर्म में हैं, तो आपको पहले उन्हें Dematerialise करना होगा।
Dematerialisation कैसे करें?
Dematerialisation का मतलब है कि आपकी फंड यूनिट्स को फिजिकल स्टेटमेंट से डिजिटल Demat फॉर्म में बदलना। इसके लिए आपको अपने Depository Participant (DP) या ब्रोकर से संपर्क करना होगा और निम्नलिखित प्रक्रिया पूरी करनी होगी:
- Dematerialisation फॉर्म भरें:
- यह फॉर्म आपको आपके DP या ब्रोकर से मिलेगा।
- इसमें म्यूचुअल फंड का नाम, फोलियो नंबर, और यूनिट्स की संख्या जैसी जानकारी भरनी होगी।
- फॉर्म जमा करें और 3-4 कार्य दिवसों तक प्रतीक्षा करें:
- आपकी यूनिट्स Demat अकाउंट में दिखने लगेंगी।
- Demat फॉर्म में कन्वर्टेड यूनिट्स को ट्रांसफर के लिए तैयार करें।
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म्यूचुअल फंड यूनिट्स ट्रांसफर करने की प्रक्रिया
डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप (DIS) प्राप्त करें
DIS एक महत्वपूर्ण डॉक्युमेंट है जो आपको अपने ब्रोकर या DP से लेना होगा। यह आपके यूनिट्स ट्रांसफर के लिए जरूरी होता है।
आवश्यक जानकारियां इकट्ठा करें
ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू करने से पहले, निम्नलिखित जानकारी आपके पास होनी चाहिए:
✅ ISIN नंबर: यह म्यूचुअल फंड यूनिट्स के लिए एक यूनिक पहचान संख्या होती है, जो आपके खाते के स्टेटमेंट में मिलती है।
✅ ट्रांसफर करने वाले और रिसीवर के खाते की डिटेल्स: इसमें DP ID और Client ID शामिल हैं।
✅ ट्रांसफर की जाने वाली यूनिट्स की संख्या: इसे नंबर और शब्दों दोनों में लिखना आवश्यक है।
✅ ट्रांसफर का कारण: जैसे कि परिवार को गिफ्ट, खुद के अलग-अलग खातों में ट्रांसफर आदि।
यूनिट्स की स्थिति चेक करें
कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम्स में लॉक-इन पीरियड होता है, जैसे:
- ELSS (Equity Linked Saving Scheme) – इसमें 3 साल का लॉक-इन होता है।
- रिटायरमेंट फंड्स या चिल्ड्रेन फंड्स – इनमें भी लॉक-इन हो सकता है।
अगर आपकी यूनिट्स लॉक-इन में हैं, तो उन्हें ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
फॉर्म में गलती से बचें
DIS फॉर्म में किसी भी तरह की ओवरराइटिंग या काट-छांट न करें। यदि कोई गलती हो जाए, तो उसके पास काउंटर सिग्नेचर करना जरूरी है।
आवेदन जमा करें और ट्रैक करें
अब आपको अपना DIS फॉर्म अपने ब्रोकर या DP के ऑफिस में जमा करना होगा। आप इसे व्यक्तिगत रूप से या कोरियर के माध्यम से भेज सकते हैं।
कुछ मामलों में, ब्रोकर द्वारा अतिरिक्त वेरिफिकेशन की मांग की जा सकती है, जैसे कि:
- ₹5 लाख से अधिक के ट्रांसफर पर वीडियो कॉल वेरिफिकेशन
- Client Master Report (CMR) की मांग
ट्रांसफर आमतौर पर 1-2 कार्य दिवसों में पूरा हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह कुछ हफ्तों तक भी खिंच सकता है।
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म्यूचुअल फंड ट्रांसफर की लागत और टैक्स इंप्लिकेशन
ट्रांसफर शुल्क कितना लगता है?
म्यूचुअल फंड यूनिट्स ट्रांसफर करने पर कुछ चार्जेज लागू होते हैं, जैसे:
✅ ट्रांजैक्शन फीस: आमतौर पर 0.03% या ₹25 (जो भी अधिक हो)
✅ GST: 18%
✅ स्टांप ड्यूटी: 0.015%
टैक्स कैसे लगेगा?
टैक्स का निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि आप किसे यूनिट्स ट्रांसफर कर रहे हैं:
✅ परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर:
- यदि आप अपने परिवार के सदस्यों (पति/पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन) को गिफ्ट दे रहे हैं, तो यह टैक्स फ्री होता है।
- हालांकि, जब रिसीवर बाद में इन यूनिट्स को बेचता है, तो उसे कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।
✅ गैर-परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर:
- अगर गिफ्ट की गई यूनिट्स की कीमत ₹50,000 से अधिक है, तो रिसीवर को इसकी पूरी राशि पर टैक्स देना होगा।
- बिक्री के समय, रिसीवर को कैपिटल गेन टैक्स भी चुकाना होगा।
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क्या Rematerialisation सही विकल्प हो सकता है?
अगर आप Demat अकाउंट को बंद करना चाहते हैं या ब्रोकर चार्जेज से बचना चाहते हैं, तो आप अपनी म्यूचुअल फंड यूनिट्स को SOA फॉर्म में वापस बदल सकते हैं, जिसे Rematerialisation कहा जाता है।
Rematerialisation प्रक्रिया
- Rematerialisation Request Form (RRF) भरें।
- इसे अपने DP या ब्रोकर के पास जमा करें।
- आपका अनुरोध AMC को भेजा जाएगा, और यूनिट्स फिर से SOA फॉर्म में बदल दी जाएंगी।
SOA फॉर्म के फायदे
✅ Demat चार्जेज और ब्रोकरेज फीस से बचाव
✅ MF Utilities और AMC की वेबसाइट से सीधे खरीद-बिक्री की सुविधा
✅ अधिक लचीलापन और निवेश पर बेहतर नियंत्रण
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निष्कर्ष
म्यूचुअल फंड यूनिट्स को Demat अकाउंट के जरिए ट्रांसफर करना संभव है, लेकिन इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण स्टेप्स और नियमों का पालन करना जरूरी है। यदि आप अपने निवेश को व्यवस्थित करना चाहते हैं या अपने परिवार के सदस्यों को म्यूचुअल फंड यूनिट्स गिफ्ट करना चाहते हैं, तो यह तरीका उपयोगी हो सकता है।
हालांकि, ट्रांसफर से जुड़े चार्जेज, टैक्स इंप्लिकेशन, और संभावित देरी को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। यदि आपको लगता है कि Demat अकाउंट में यूनिट्स रखना आपके लिए महंगा या असुविधाजनक हो सकता है, तो Rematerialisation एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए लिखा गया है। निवेश करने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।