Trailing Returns vs Rolling Returns – 99% लोग फर्क नहीं जानते, आप जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे! – जब भी हम किसी म्यूचुअल फंड, शेयर, या अन्य निवेश साधन का प्रदर्शन देखते हैं, तो हमें दो शब्द आमतौर पर सुनने को मिलते हैं – Trailing Returns (पिछले रिटर्न्स) और Rolling Returns (घूमने वाले रिटर्न्स)।
ये दोनों ही निवेश के प्रदर्शन को मापने के तरीके हैं, लेकिन इनकी गणना और उपयोग में अंतर होता है। अगर आप एक समझदार निवेशक बनना चाहते हैं, तो इन दोनों के बीच का अंतर समझना बहुत जरूरी है।
इस लेख में हम Trailing Returns और Rolling Returns को आसान भाषा में समझेंगे, इनके फायदे-नुकसान जानेंगे, और यह भी समझेंगे कि किस परिस्थिति में कौन सा मेट्रिक ज्यादा कारगर होता है।
Trailing Returns क्या होते हैं?
Trailing Returns यानी पिछले रिटर्न्स किसी भी निवेश के एक निश्चित समय अवधि में दिए गए कुल रिटर्न को दर्शाते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप 1 साल, 3 साल, 5 साल, या 10 साल के ट्रेलिंग रिटर्न्स देखते हैं, तो ये आपको बताएंगे कि उस अवधि में निवेश ने कितना फायदा या नुकसान दिया।
Trailing Returns की गणना कैसे की जाती है?
Trailing Return निकालने के लिए हम किसी विशेष तारीख से पीछे की ओर देखते हैं और उस अवधि में किए गए कुल रिटर्न की गणना करते हैं।
उदाहरण
मान लीजिए, किसी म्यूचुअल फंड ने 1 जनवरी 2020 से 1 जनवरी 2023 तक 50% का रिटर्न दिया है। तो, अगर कोई निवेशक 1 जनवरी 2023 को देख रहा है, तो उसे 3 साल का ट्रेलिंग रिटर्न 50% दिखेगा।
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Trailing Returns के फायदे
✅ सरल और स्पष्ट: इसमें ज्यादा गणना की जरूरत नहीं होती, इसलिए इसे आसानी से समझा जा सकता है।
✅ बीते प्रदर्शन को दिखाता है: यह किसी फंड या स्टॉक के अतीत के प्रदर्शन को दर्शाने का अच्छा तरीका है।
✅ लंबी अवधि के लिए मददगार: अगर आप 5-10 साल के रिटर्न देख रहे हैं, तो यह आपको उस निवेश की स्थिरता और रिटर्न की दिशा का अंदाजा देता है।
Trailing Returns की कमियां
❌ मार्केट वोलैटिलिटी को नजरअंदाज करता है: यह सिर्फ एक निश्चित अवधि का प्रदर्शन दिखाता है, लेकिन यह नहीं बताता कि बीच में बाजार में कितने उतार-चढ़ाव आए।
❌ खराब समय पर निवेश करने वालों को भ्रमित कर सकता है: उदाहरण के लिए, अगर किसी खास साल में बाजार में जबरदस्त तेजी आई हो, तो ट्रेलिंग रिटर्न्स बहुत अच्छे दिख सकते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि आगे भी वही प्रदर्शन बना रहेगा।
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Rolling Returns क्या होते हैं?
Rolling Returns यानी घूमने वाले रिटर्न्स एक निवेश के प्रदर्शन को विभिन्न समय अवधि में मापने का एक तरीका है। इसमें किसी निश्चित समयावधि (1 साल, 3 साल, 5 साल) के लिए हर दिन, हर महीने या हर साल रिटर्न निकाला जाता है, और फिर उनके औसत को देखा जाता है।
यह तरीका निवेश के स्थिरता (Consistency) को मापने में मदद करता है।
Rolling Returns की गणना कैसे की जाती है?
Rolling Returns निकालने के लिए हम किसी निवेश के लिए हर समय-खंड में रिटर्न की गणना करते हैं और फिर उनका औसत निकालते हैं।
उदाहरण
मान लीजिए, हम 5 साल की अवधि के रोलिंग रिटर्न्स की गणना कर रहे हैं, तो:
- हम हर दिन/महीने/साल पर पिछले 5 साल के रिटर्न की गणना करेंगे।
- इन सभी रिटर्न्स को जोड़कर उनका औसत निकालेंगे।
- इस औसत से हमें पता चलेगा कि अलग-अलग समय अवधि में निवेश का प्रदर्शन कैसा रहा।
Rolling Returns के फायदे
✅ मार्केट वोलैटिलिटी को ध्यान में रखता है: यह सिर्फ एक समय बिंदु का प्रदर्शन नहीं दिखाता, बल्कि पूरे समय में हुए उतार-चढ़ाव को भी दर्शाता है।
✅ निवेश की स्थिरता मापने का बेहतर तरीका: इससे पता चलता है कि कोई निवेश हर समय अच्छा परफॉर्म करता है या सिर्फ कुछ खास सालों में ही बेहतर रहा है।
✅ बायस (पक्षपात) को कम करता है: यह सिर्फ एक दिन के प्रदर्शन पर निर्भर नहीं होता, जिससे निवेशकों को ज्यादा स्पष्ट तस्वीर मिलती है।
Rolling Returns की कमियां
❌ गणना थोड़ी जटिल होती है: इसमें डेटा की अधिक जरूरत होती है और ट्रेलिंग रिटर्न्स की तुलना में इसे समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
❌ शुरुआती निवेशकों के लिए कठिन: नए निवेशकों के लिए इस मेट्रिक को समझना आसान नहीं होता, क्योंकि यह एक स्थिर संख्या की जगह समय के साथ बदलती रहती है।
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Trailing Returns vs Rolling Returns: मुख्य अंतर
फ़ीचर | Trailing Returns (पिछले रिटर्न्स) | Rolling Returns (घूमने वाले रिटर्न्स) |
---|---|---|
परिभाषा | एक तय समय अवधि में निवेश का कुल प्रदर्शन | अलग-अलग समय खंडों में प्रदर्शन का औसत |
गणना | एक निश्चित तारीख से पीछे जाकर मापा जाता है | हर समय अवधि के लिए अलग-अलग गणना कर औसत निकाला जाता है |
मार्केट उतार-चढ़ाव | नहीं दिखाता | दिखाता है |
समझने में आसानी | सरल और सीधा | थोड़ा जटिल |
निवेश की स्थिरता का आकलन | नहीं करता | करता है |
कौन सा बेहतर है – Trailing या Rolling?
- शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट (1-3 साल): यदि आप किसी स्टॉक या म्यूचुअल फंड का हालिया प्रदर्शन देखना चाहते हैं, तो Trailing Returns मददगार हो सकते हैं।
- लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट (5+ साल): अगर आप निवेश की स्थिरता (Consistency) और मार्केट के उतार-चढ़ाव का सही विश्लेषण करना चाहते हैं, तो Rolling Returns ज्यादा फायदेमंद होंगे।
- निवेश का ट्रेंड समझना हो: अगर आप यह देखना चाहते हैं कि कोई फंड या स्टॉक सिर्फ किसी खास समय में अच्छा कर रहा है या हमेशा अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, तो Rolling Returns ज्यादा उपयोगी साबित होंगे।
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निष्कर्ष
अगर आप निवेश को गहराई से समझना चाहते हैं, तो सिर्फ Trailing Returns देखने से पूरी तस्वीर नहीं बनती। आपको Rolling Returns भी देखने चाहिए, ताकि यह समझ सकें कि आपका निवेश सिर्फ किसी खास समय में अच्छा कर रहा है या यह हमेशा स्थिर बना हुआ है।
एक समझदार निवेशक बनने के लिए आपको दोनों मेट्रिक्स का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। जब भी किसी म्यूचुअल फंड या स्टॉक में निवेश करें, तो Trailing Returns और Rolling Returns दोनों को देखना जरूरी है ताकि आप सही फैसला ले सकें।
क्या आपने अपने निवेश में कभी इन दोनों मेट्रिक्स का उपयोग किया है? कमेंट में जरूर बताएं! 🚀💰