Mutual Fund kya hai, ye kaise kam karta hai? – आज के दौर में जहाँ सभी कोई बढ़ चढ़कर खर्च करते है, युवाओ कि खर्च करने कि प्रवृत्ति बढ़ गयी है, वही आज का युवा वर्ग जिसे Millennial भी कहते है वो Savings and Investments के नित नए तरीके ढूँढ रहा है।
ऐसे ही विभिन्न निवेश के तरीको में एक निवेश का तरीका है Mutual Fund, वैसे ये कोई नया तरीका नही है, बस इसकी popularity लोगो के सामने थोड़ी देर से आई। तो चलिए आज यही जानते है कि Mutual Fund kya hai, ye kaise kam karta hai?
म्यूचुअल फंड क्या है? (Mutual Fund Kya hai?)
What is a Mutual Fund/Mutual Fund in Hindi? – म्यूचुअल फंड एक सामूहिक निवेश का तरीका है जो आपके जैसे कई निवेशकों के पैसे को एक साथ जमा करता है।
इन एकत्रित फंडों को गहन शोध करने के बाद, मैनेजर द्वारा जिसे फण्ड मेनेजर कहते है (इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट) विभिन्न स्टॉक, बॉन्ड या अन्य निवेश के तरीको में निवेश किया जाता है,
एक म्यूचुअल फंड हाउस छोटी-छोटी इकाइयों (जिसे यूनिट्स) में पूरी निवेश राशि वितरित करता है। निवेशक इन इकाइयों को सीधे स्टॉक खरीदने के बजाय खरीद सकते हैं।
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म्यूचुअल फंड क्यों बना? (Why Mutual Funds was created?)
Why Mutual Funds was created? – म्यूचुअल फंड क्यों बना, इसके मुख्यत: 2 कारण हैं:
पहला कारण
एक साधारण व्यक्ति के लिए, जो market (बाजारों) के बारे में ज्यादा नहीं जानता है, निवेश के बारे में, पैसे का प्रबंधन करना बहुत मुश्किल है।
वह नहीं जानता कि किसी share (शेयर) को कैसे track (ट्रैक) किया जाए? इसलिए, ऐसे सभी लोगों के लिए, एक सरल तरीका यह है कि वह किसी और को पैसा दिया जाए जो इसे ठीक से प्रबंधित कर सके और इसे बढ़ाने में आपकी मदद कर सके।
लेकिन, आप अपने जीवन की सारी बचत किसी को ऐसे ही नहीं दे सकते। क्या होगा अगर आपने जिस व्यक्ति को पैसा दिया है वह भाग गया ?
इन्ही कारणों को ध्यान में रख कर म्यूचुअल फंड की स्थापना की गई, ताकि आप अपने पैसे को fund (फंड) में डाल सकें और वे इसे मैनेज (प्रबंधित) करेंगे।
चूंकि, Fund, AMC House द्वारा manage किया जाता है, और AMC की ट्रस्टों द्वारा निगरानी की जाती है, जिससे आपका पैसा सुरक्षित रहे। इसके अलावा ये fund manager highly qualified और experienced होते हैं, बाजारों और उसे प्रभावित करने वाले कारको पर पैनी नज़र रखते हैं, पैसे का प्रबंधन करने के लिए बहुत योग्य होते हैं।
दूसरा कारण
एक अन्य कारण scalability और diversity का लाभ उठाना है। मान लीजिए कि आपके पास केवल रु 2,000 है और आप इसे एक स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, जिसकी कीमत लगभग 4,000 रुपये है?
आपके पास एक भी शेयर खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है, और आप सिर्फ आधा स्टॉक भी नहीं खरीद सकते हैं।इसके साथ आप बाजार जोखिम को कम करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में विविधता भी लाना चाहते हैं, लेकिन आप अपनी छोटी राशि के साथ 10 विभिन्न स्टॉक नहीं खरीद सकते हैं। तो आप क्या करेंगे?
इसके लिए आप अपने पैसे को एक फंड में डालते हैं, आप की तरह अन्य लोग भी अपना पैसा फंड को देते हैं, और अब फंड के पास पर्याप्त पैसा होगा और यह किसी भी शेयर को खरीद सकता है।
अपने जोखिम को कम करने के लिए यह कई शेयरों में विविधता ला सकता है। तो क्यों धन का गठन कर रहे हैं का मुख्य उद्देश्य आता है कि वे कैसे संचालित होते हैं? हम पढ़ रहे है – Mutual Fund kya hai, ye kaise kam karta hai?/Mutual Fund in Hindi
म्यूच्यूअल फंड कैसे संचालित होते है? (How Mutual Fund operates)
How do they operate? – म्यूच्यूअल फंड कैसे संचालित होते है हम इसे एक example से समझते है-
- फंड की स्थापना करते समय, फंड मैनेजर यह तय करता है कि उसे कुल मिलाकर, 1 करोड़ रुपये (कुल corpus जिसे AUM भी कहा जाता है) चाहिए।
- एएमसी क्या करेगा, इन पैसो को 50 रुपये के छोटे छोटे 20 लाख टुकडो में बराबर बाँट देगा। अब यह रु 50 फंड का शुरुआती NAV (एनएवी) होगा। अब आप या कोई भी व्यक्ति AMC से ये यूनिट खरीद सकता है।
- किसी व्यक्ति या आपके पास रु 2000 है, तो आपको 40 units (इकाइयाँ) मिलेंगी।
- AMC आपके द्वारा एकत्र किए गए सभी धन को निवेश करेगा।
- चूँकि यह स्टॉक, बॉन्ड्स आदि खरीदकर निवेश करता है, कुल 1 करोड़ रुपये का मूल्य बदलेगा, सभी शेयरों के मौजूदा मूल्य, खरीदे गए बॉन्ड्स पर निर्भर करेगा।
- मानते है की निवेश किये हुए १ करोड़ की कीमत बढ़कर 1.2 करोड़ हो गयी | चूँकि शुरुवात में 2 lakh units थे। यूनिट्स की संख्या तो बढ़ेगी नही वो वही रहेंगी मतलब 2 लाख यूनिट्स | तो अब होगा ये की 1.2 करोड़ 2 लाख units से विभाजित होगा, अर्थात
1,20,00000 / 200000 = 60 , NAV की कीमत रु.50 से बढ़कर रु.60 हो गयी 😀
- इसका मतलब है कि रु. 2000 आपने शुरुवात में निवेश किये थे जिससे आपको रु. 50 की हिसाब से 40 इकाईया (यूनिट्स) मिली थी | अभी भी आपके पास कुल इकाईया (यूनिट्स) 40 ही है लेकिन एक इकाई (यूनिट्स) की कीमत रु 50 से बढकर रु 60 हो गयी है , जिससे आपका कुल निवेश रु 2000 से बढ़कर 2400 का हो गया।
- जैसे हमने NAV को बढे हुए मूल्इय से समझा ठीक उसी तरह का प्रभाव होगा यदि कुल कॉर्पस का मूल्य गिरता है। हम पढ़ रहे है – Mutual Fund kya hai, ye kaise kam karta hai?
म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds)
Types of Mutual Funds – वैसे तो मार्किट में २० हजार म्यूचुअल फंड स्कीम हैं। पर सभी निम्नलिखित श्रेणी में आते हैं।
ओपन एंडेड म्यूच्यूअल फंड (Open Ended Mutual Funds)
Open Ended Mutual Fund सबसे लोकप्रिय म्यूच्यूअल फंड होते है, आप कभी भी निवेश और रिडीम करें।
क्लोज्ड एंडेड म्यूच्यूअल फंड (Closed Ended Mutual Funds)
Close Ended Mutual Fund में आप केवल शुरुआत के दौरान निवेश करते हैं और जब यह कार्यकाल समाप्त होता है तब redeem करते हैं|
इंटरवल एंडेड म्यूच्यूअल फंड (Interval Ended Mutual Funds)
आप केवल कुछ पूर्व-निर्धारित तारीखों को निवेश या भुना सकते हैं
निवेश के आधार पर म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार
मोटे तौर पर निवेश के आधार पर 4 प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड हैं।
इक्विटी म्यूच्यूअल फंड (Equity Mutual Fund)
इक्विटी म्यूच्यूअल फंड (Equity Mutual Fund) – जैसे की नाम से पता चल रहा है कि इन म्यूच्यूअल फण्ड का पैसा इक्विटी में निवेश में होता है | और जैसा कि हम जानते है की ये जोखिम भरा होता है लेकिन यह उच्च रिटर्न प्रदान करते हैं।
इक्विटी म्यूचुअल फंड को नीचे सूचीबद्ध 5 प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है
1. लार्ज कैप म्यूच्यूअल फंड (Large Cap Mutual Fund) – इसमें धन को 20 हज़ार करोड़ से अधिक मार्किट कैप वाली कंपनियों में निवेश किआ जाता है |
ये अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले होते हैं| इसे डिटेल में हमारी इस पोस्ट में पढ़े लार्ज कैप फंड क्या होते है, और लार्ज कैप फंड कैसे स्टेबल रिटर्न जनरेट करने में मदद करता है?
2. स्मॉल/मिड कैप म्यूच्यूअल फंड (Small/MidCap Mutual Fund) – इसमें धन को उन कंपनियों में निवेश किआ जाता है जो स्मॉल / मिडकैप सूचकांकों में सूचीबद्ध हैं।ये अपेक्षाकृत अधिक जोखिम वाले होते हैं।
3. मल्टीकैप कैप म्यूच्यूअल फंड (MultiCap Fund) – इसमें धन को मार्किट कैपिटलाइजेशन के ही हिसाब से अलग अलग कैप की कंपनियों में निवेश किआ जाता है।
फंड के पोर्टफोलियो में लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉल कैप स्टॉक शामिल होते हैं। शुद्ध मिड कैप या स्माल कैप फंड की तुलना में ये अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले होते हैं वही लार्ज कैप की तुलना में ज्यादा।
4. सेक्टर फंड (Sector Fund) – इसमें धन का निवेश विशिष्ट क्षेत्र में किआ जाता है जैसे आईटी, फार्मा, बैंकिंग, ऑटोमोबाइल आदि।
इन्हें जोखिम भरा माना जाता है क्योंकि इनके पास सेक्टर विशिष्ट का जोखिम होता है लेकिन फार्मा, आईटी जैसे कुछ सेक्टर स्वाभाविक रूप से कम जोखिम वाले होते हैं।
5. Others (अन्य) – ग्रामीण, बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे विषयों में निवेश करें, वे भी उच्च जोखिम वाले हैं।
6. टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ईएलएसएस) – ईएलएसएस फंड विशेष प्रकार के म्यूचुअल फंड जो आईटी अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर लाभ (टैक्स बेनेफिट्स) प्रदान करते हैं। दोनों मूलधन (एक निश्चित सीमा तक) और लाभ कर मुक्त होते हैं।
हम पढ़ रहे है – Mutual Fund kya hai, ye kaise kam karta hai?/Mutual Fund in Hindi
डेब्ट म्यूच्यूअल फंड (Debt Mutual Fund)
डेब्ट म्यूच्यूअल फंड (Debt Mutual Fund) – इनमे धन का निवेश सरकारी, बैंकों और कॉर्पोरेटों द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है। यह सुरक्षित होते है लेकिन साथ ही कम रिटर्न प्रदान करते हैं।
डेब्ट/ऋण म्यूचुअल फंड को नीचे सूचीबद्ध 5 प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
1. Liquid Fund (लिक्विड फण्ड) – इनमे धन का निवेश सरकारी, बैंकों और कॉर्पोरेटों द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है। जिनमे Maturity (परिपक्वता, मूलधन वापस पाने का समय) की अवधि 90 दिनों की होती है।
इन्हें सबसे सुरक्षित प्रकार का म्युचुअल फंड माना जाता है। इनका returns (रिटर्न्स) Fixed Deposit (FD एफडी) के समान होता हैं|
2. Ultra Short Term (अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फण्ड) – इनमे धन का निवेश सरकारी, बैंकों और कॉर्पोरेटों द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है । जिनमे परिपक्वता (मूलधन वापस पाने का समय) की अवधि लगभग १ वर्ष की होती है ।
इन्हें भी सुरक्षित प्रकार का म्यूचुअल फंड माना जाता है। ये एफडी की तुलना में 1% तक ज्यादा रिटर्न देते है |
3. Mid/Short Term (मिड/शॉर्ट टर्म फण्ड) – धन का निवेश सरकारी, बैंकों और कॉर्पोरेटों द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है । जिनमे परिपक्वता (मूलधन वापस पाने का समय) की अवधि लगभग ३ से ६ वर्ष की होती है ।
इन्हें भी सुरक्षित प्रकार का म्यूचुअल फंड माना जाता है। ये एफडी की तुलना में 2% तक ज्यादा रिटर्न देते है |
4. Gilt Long Term (गिल्ट लॉन्ग टर्म फण्ड) – धन का निवेश केवल सरकार द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है । जिनमे परिपक्वता की अवधि लगभग ७ से १२ वर्ष की होती है ।
इन्हें मूलधन वापसी के दृष्टिकोण से काफी सुरक्षित माना जाता है लेकिन वे उच्च ब्याज दर का जोखिम उठाते हैं। इनके पास FD की तुलना में 3% तक अधिक रिटर्न होता है, लेकिन रिटर्न ~ 8% से भिन्न होता है।
5. Dynamic Fund (डायनेमिक फण्ड) – इनमे ब्याज दरों की उम्मीद के आधार पर विभिन्न परिपक्वता के बॉन्ड में निवेश किया जाता है | इसलिए परिपक्वता की अवधि अलग-अलग हो सकती है।
इन्हें भी मूलधन वापसी के दृष्टिकोण से काफी सुरक्षित माना जाता है । ये भी एफडी की तुलना में 3% तक ज्यादा रिटर्न देते है, लेकिन ब्याज दर भिन्नता के कारण रिटर्न में 10% की भिन्नता है।
6. Income Fund (इनकम फण्ड) – नियमित आय उत्पन्न करने के लिए बॉन्ड में निवेश में किआ जाता है | इनका रिटर्न और जोखिम मिड / शॉर्ट-टर्म फंड्स और लॉन्ग-टर्म फंड्स के बीच होता हैं।
7. Credit Opportunities (क्रेडिट के अवसर) – धन का निवेश उच्च ब्याज दरों के लिए केवल कॉर्पोरेट्स द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है ।
इन्हें डेब्ट म्यूचुअल फंड का सबसे जोखिम भरा प्रकार माना जाता है। हम पढ़ रहे है – Mutual Fund kya hai, ye kaise kam karta hai?/Mutual Fund in Hindi
हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड (Hybrid Mutual Fund)
हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड (Hybrid Mutual Fund) – मूल रूप से देखा जाये तो ये इक्विटी और डेब्ट फण्ड का मिलाजुला रूप है।धन का निवेश ऐसा किया जाता है जिससे इसमें मध्यम जोखिम और मध्यम रिटर्न मिलता हैं।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड को नीचे सूचीबद्ध 3 प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है
1. Balanced Fund (बैलेंस्ड) – ये इक्विटी उन्मुख (ओरिएंटेड) हाइब्रिड फंड लगभग 65% AUM के साथ इक्विटी में निवेश करते हैं और बाकी बचा हुआ धन लंबी अवधि के डेब्ट फण्ड में। Tax Purpose (कर उद्देश्यों) के लिए, इन्हें Equity Mutual Fund (इक्विटी म्यूचुअल फंड) माना जाता है।
2. Debt-Oriented Fund (डेट-ओरिएंटेड) – ये डेब्ट ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड, मुख्यत AUM (धन) को डेब्ट में निवेश करते है और बाकी का बचा हुआ इक्विटी में निवेश किया जाता है। Tax Purpose (कर उद्देश्यों) के लिए, इन्हें Debt Mutual Fund (डेब्ट म्यूचुअल फंड) माना जाता है।
3. Others (अन्य) – इनमे सभी प्रकार की Debt Securities (डेब्ट सिक्योरिटीज), Equity (इक्विटी) और Gold (सोने) में निवेश किआ जाता है । कर उद्देश्यों के लिए, इन्हें Debt Mutual Fund माना जाता है।
Others (अन्य)
Others (अन्य) – सोना, रियल-एस्टेट, कमोडिटी आदि में निवेश करें। वे मध्यम जोखिम के भी होते हैं और मध्यम रिटर्न प्रदान करते हैं।
आज की पोस्ट में हमने Mutual Fund kya hai, ye kaise kam karta hai? ये समझा आगे की पोस्ट में हम Emergency Fund Kya Hota hai, ise kaise banaye? ये पढेंगे।