2025 में निवेश से पहले जाने, म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं?

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2025 में निवेश से पहले जाने, म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं? (Mutual Fund kitne prakar ke hote hai) – जैसा की हमने पिछली पोस्ट में देखा की म्यूच्यूअल फंड क्या है ये कैसे काम करता है, ये भी समझा कि म्यूच्यूअल फंड में कैसे निवेश कर सकते है, आज हम ये देखेंगे म्यूच्यूअल फंड कितने प्रकार के होते है, और इसमें कौन सा हमारे लिए उपयुक्त होगा। तो चलिए शुरू करते है म्यूच्यूअल फंड और उनके विभिन्न प्रकार से।

म्यूचुअल फंड क्या है? (What is a Mutual Fund)

Mutual Fund in Hindi? – म्यूचुअल फंड एक सामूहिक निवेश का तरीका है जो आपके जैसे कई निवेशकों के पैसे को एक साथ जमा करता है। इन एकत्रित फंडों को गहन शोध करने के बाद,  मैनेजर द्वारा जिसे फण्ड मेनेजर कहते है , (इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट) विभिन्न स्टॉक, बॉन्ड या अन्य निवेश के तरीको में निवेश किया जाता है,  एक म्यूचुअल फंड हाउस छोटी-छोटी इकाइयों (जिसे यूनिट्स) में पूरी निवेश राशि वितरित करता है। निवेशक इन इकाइयों को सीधे स्टॉक खरीदने के बजाय खरीद सकते हैं।

म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds)

Mutual Fund Types – वैसे तो मार्किट में २० हजार म्यूचुअल फंड स्कीम हैं। पर सभी निम्नलिखित श्रेणी में आते हैं।

मेच्युरिटी पीरियड पर आधारित स्कीम (Schemes Based on Maturity Period)

मेच्युरिटी पीरियड पर आधारित निम्नलिखित म्यूचुअल फंड स्कीम है –

ओपन एंडेड म्यूच्यूअल फंड (Open Ended Mutual Fund)

यह योजना निवेशकों को किसी भी समय इकाइयों को खरीदने या बेचने की अनुमति देती है। इसकी कोई निश्चित Maturity date भी नहीं होती है। आप अपने इन्वेस्टमेंट और रिडीम के लिए सीधे म्यूचुअल फंड से डील करते हैं।

ओपन एंडेड म्यूच्यूअल फंड की मुख्य विशेषता इनकी लिक्विडिटी/तरलता होती है। आप अपनी इकाइयों को NAV कीमतों पर आसानी से खरीद या बेच सकते हैं। लगभग 59% म्यूचुअल फंड ओपन-एंड फंड हैं।

ये भी पढ़े – अगर बढ़ाना है 2023 में अपने पैसो का मान, तो म्यूचुअल फंड चुनते समय रखे इन 10 बातों का ध्यान | 10 Things for Choosing the Best Mutual Fund to invest in 2023

क्लोज एंडेड म्यूच्यूअल फंड (Closed Ended Mutual Fund)

क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड योजनाओं में एक निर्धारित निवेश और मेच्यरिटी अवधि होती है। New Fund Offer (NFO) फंड ऑफर (एनएफओ) जिसमें म्यूचुअल फंड हाउस इन क्लोज-एंडेड योजनाओं को लॉन्च करता है। ऐसी योजनाओं में निवेश केवल एनएफओ अवधि के दौरान ही किया जा सकता है।

इसके अलावा, एक निश्चित मेच्यरिटी तिथि भी है जिसके पहले आप योजनाओं को redeem नहीं सकते। एनएफओ के बाद कुछ क्लोज-एंडेड योजनाएं स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती हैं। निवेशक ऐसे फंड को स्टॉक एक्सचेंज में बेच या खरीद सकते हैं जहां वे सूचीबद्ध हैं।

कुछ क्लोज-एंडेड योजनाओं में, निवेशकों को समय-समय पर म्यूचुअल फंड हाउस को अपनी यूनिट वापस बेचने का विकल्प दिया जाता है, जब म्यूचुअल फंड कंपनी समय-समय पर पुनर्खरीद के माध्यम से इकाइयों की पुनर्खरीद करती है। सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, म्यूचुअल फंड कंपनियों को अपने निवेशकों को अपने निवेश से बाहर निकलने का रास्ता देना होता है, और वो ऐसा 2 तरीको से कर सकते है यानी या तो स्टॉक एक्सचेंज में फंड बेचकर या म्यूचुअल फंड कंपनी को वापस बेचकर।

इंटरवल एंडेड म्यूच्यूअल फंड (Interval Ended Mutual Fund)

यह ओपन और क्लोज्ड एंडेड स्कीम के कॉम्बिनेशन/संयोजन के रूप में कार्य करता है, यह निवेशकों को पूर्वनिर्धारित अंतराल पर इकाइयों का व्यापार करने की अनुमति देता है। इन स्कीमों को या तो स्टॉक एक्सचेंज में ख़रीदा बेचा जा सकता है या वे NAV से संबंधित कीमतों पर पूर्व-निर्धारित अंतराल के दौरान sale या redeem के लिए भी खुल सकते हैं।

निवेश पर आधारित स्कीम (Mutual Fund based on investment)

मोटे तौर पर निवेश के आधार पर  ४ प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड हैं –

इक्विटी म्यूच्यूअल फंड (Equity Mutual Fund)

जैसे की नाम से पता चल रहा है कि इन म्यूच्यूअल फण्ड का पैसा इक्विटी में निवेश में होता है | और जैसा कि हम जानते है की ये जोखिम भरा होता है लेकिन यह उच्च रिटर्न प्रदान करते हैं।

इक्विटी म्यूचुअल फंड को नीचे सूचीबद्ध 5 प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है

Large Cap Fund (लार्जकैप) –  इसमें धन को २०,००० करोड़ से अधिक मार्किट कैप वाली कंपनियों में निवेश किआ जाता है | ये अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले होते हैं। इसे डिटेल में हमारी इस पोस्ट में पढ़े लार्ज कैप फंड क्या होते है, और लार्ज कैप फंड कैसे स्टेबल रिटर्न जनरेट करने में मदद करता है?

Small Fund/MidCap Fund (स्मॉल/मिडकैप) – इसमें धन को उन कंपनियों में निवेश किआ जाता है जो स्मॉल / मिडकैप सूचकांकों में सूचीबद्ध हैं। ये अपेक्षाकृत अधिक जोखिम वाले होते हैं।

MultiCap (मल्टीकैप) – इसमें धन को मार्किट कैपिटलाइजेशन के ही हिसाब से अलग अलग कैप की कंपनियों में निवेश किआ जाता है। फंड के पोर्टफोलियो में लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉल कैप स्टॉक शामिल होते हैं। शुद्ध मिड कैप या स्माल कैप फंड की तुलना में ये अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले होते हैं वही लार्ज कैप की तुलना में ज्यादा |

Sector Fund (सेक्टर फंड) – इसमें धन का निवेश विशिष्ट क्षेत्र में किआ जाता है जैसे आईटी, फार्मा, बैंकिंग, ऑटोमोबाइल आदि । इन्हें  जोखिम भरा माना जाता है क्योंकि इनके पास सेक्टर विशिष्ट का जोखिम होता है लेकिन फार्मा, आईटी जैसे कुछ सेक्टर स्वाभाविक रूप से कम जोखिम वाले होते हैं।

Others (अन्य) – ग्रामीण, बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे विषयों में निवेश करें, वे भी उच्च जोखिम वाले हैं।

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ईएलएसएस ELSS) – ईएलएसएस फंड विशेष प्रकार के म्यूचुअल फंड जो आईटी अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर लाभ (टैक्स बेनेफिट्स) प्रदान करते हैं। दोनों मूलधन (एक निश्चित सीमा तक) और लाभ कर मुक्त होते हैं।

ये भी पढ़े – म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने का सही समय कब है? | Which is the Best Time to Invest in Mutual Funds 2023? | Right time to invest in Mutual Funds?

डेट म्यूच्यूअल फंड (Debt Mutual Fund)

इनमे धन का निवेश सरकारी ,  बैंकों और कॉर्पोरेटों द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है । यह सुरक्षित होते है लेकिन साथ ही कम रिटर्न प्रदान करते हैं।

डेब्ट/ऋण म्यूचुअल फंड को नीचे सूचीबद्ध 5 प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है –

Liquid Fund (लिक्विड फण्ड) – इनमे धन का निवेश सरकारी, बैंकों और कॉर्पोरेटों द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है। जिनमे Maturity (परिपक्वता, मूलधन वापस पाने का समय) की अवधि 90 दिनों की होती है। इन्हें सबसे सुरक्षित प्रकार का म्युचुअल फंड माना जाता है। इनका returns (रिटर्न्स)  Fixed Deposit (FD एफडी) के समान होता हैं।

Ultra Short Term (अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फण्ड) – इनमे धन का निवेश सरकारी, बैंकों और कॉर्पोरेटों द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है । जिनमे परिपक्वता (मूलधन वापस पाने का समय) की अवधि लगभग १ वर्ष की होती है । इन्हें भी सुरक्षित प्रकार का म्यूचुअल फंड माना जाता है। ये एफडी की तुलना में 1% तक ज्यादा रिटर्न देते है।

Mid/Short Term (मिड/शॉर्ट टर्म फण्ड) – धन का निवेश सरकारी, बैंकों और कॉर्पोरेटों द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है । जिनमे परिपक्वता (मूलधन वापस पाने का समय) की अवधि लगभग ३ से ६ वर्ष की होती है । इन्हें भी सुरक्षित प्रकार का म्यूचुअल फंड माना जाता है। ये एफडी की तुलना में 2% तक ज्यादा रिटर्न देते है।

Gilt Long Term (गिल्ट लॉन्ग टर्म फण्ड) – धन का निवेश केवल सरकार द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है । जिनमे परिपक्वता की अवधि लगभग ७ से १२ वर्ष की होती है । इन्हें मूलधन वापसी के दृष्टिकोण से काफी सुरक्षित माना जाता है लेकिन वे उच्च ब्याज दर का जोखिम उठाते हैं। इनके पास FD की तुलना में 3%  तक अधिक रिटर्न होता है, लेकिन रिटर्न ~ 8% से भिन्न होता है।

Dynamic Fund (डायनेमिक फण्ड) – इनमे ब्याज दरों की उम्मीद के आधार पर विभिन्न परिपक्वता के बॉन्ड में निवेश किया जाता है | इसलिए परिपक्वता की अवधि अलग-अलग हो सकती है। इन्हें भी मूलधन वापसी के दृष्टिकोण से काफी सुरक्षित माना जाता है । ये भी एफडी की तुलना में 3% तक ज्यादा रिटर्न देते है, लेकिन ब्याज दर भिन्नता के कारण रिटर्न में 10% की भिन्नता है।

Income Fund (इनकम फण्ड) – नियमित आय उत्पन्न करने के लिए बॉन्ड में निवेश में किआ जाता है | इनका रिटर्न और जोखिम मिड / शॉर्ट-टर्म फंड्स और लॉन्ग-टर्म फंड्स के बीच होता हैं।

Credit Opportunities (क्रेडिट के अवसर) – धन का निवेश उच्च ब्याज दरों के लिए केवल कॉर्पोरेट्स द्वारा जारी किए गए बॉन्ड में होता है । इन्हें डेब्ट म्यूचुअल फंड का सबसे जोखिम भरा प्रकार माना जाता है। इसे भी पढ़े – What is ELSS Funds in Hindi?

हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड (Hybrid Mutual Fund)

मूल रूप से देखा जाये तो ये इक्विटी और डेब्ट फण्ड का मिलाजुला रूप है | धन का निवेश ऐसा किया जाता है जिससे इसमें मध्यम जोखिम और मध्यम रिटर्न मिलता हैं

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड को नीचे सूचीबद्ध 3 प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है

Balanced Fund (बैलेंस्ड) – बैलेंस्ड इक्विटी फंड हाइब्रिड फंड होते है जो लगभग 65% AUM के साथ इक्विटी में निवेश करते हैं और बाकी बचा हुआ धन लंबी अवधि के डेब्ट फण्ड में। Tax Purpose (कर उद्देश्यों) के लिए, इन्हें Equity Mutual Fund (इक्विटी म्यूचुअल फंड) माना जाता है।

Debt-Oriented Fund (डेट-ओरिएंटेड) – ये डेब्ट ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड, मुख्यत AUM (धन) को डेब्ट में निवेश करते है और बाकी का बचा हुआ इक्विटी में निवेश किया जाता है। Tax Purpose (कर उद्देश्यों) के लिए, इन्हें  Debt Mutual Fund (डेब्ट म्यूचुअल फंड) माना जाता है।

Others (अन्य) – इनमे सभी प्रकार की Debt Securities (डेब्ट सिक्योरिटीज), Equity (इक्विटी) और Gold (सोने) में निवेश किआ जाता है । कर उद्देश्यों के लिए, इन्हें Debt Mutual Fund माना जाता है।

अन्य (Other)

सोना, रियल-एस्टेट, कमोडिटी आदि में निवेश करें। वे मध्यम जोखिम के भी होते हैं और मध्यम रिटर्न प्रदान करते हैं।

तो आज हमने  म्यूच्यूअल फंड के विभिन्न प्रकारों (Types of Mutual Fund) को विस्तृत रूप से देखा, आगे आने वाली पोस्ट्स में हम म्यूच्यूअल फंड से सम्बंधित और भी ज्ञानवर्धक जानकारियां आपके साथ साझा करेंगे। हमे आपके सुझाव एवं कमेंट्स का इंतज़ार रहेगा।

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