निवेशक को अपने पोर्टफोलियो में कितनी संख्या में म्यूचुअल फंड रखने चाहिए?

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निवेशक को अपने पोर्टफोलियो में कितनी संख्या में म्यूचुअल फंड रखने चाहिए? How many mutual funds should an investor have in his portfolio? – म्यूचुअल फंड (म्यूच्यूअल फंड (MF)) में निवेश करना एक अच्छा डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने की एक लोकप्रिय रणनीति है, लेकिन प्रश्न आता है कि पोर्टफोलियो में कितने फंड रखना आदर्श है?

क्योंकि अगर बहुत कम फंड रखेंगे तो आपके पोर्टफोलियो की डायवर्सिफिकेशन कम हो सकती है, जबकि बहुत अधिक फंड रखने से जटिलताएं और अक्षमताएं पैदा हो सकती हैं।

तो चलिए विविधीकरण/डायवर्सिफिकेशन लक्ष्यों, एसेट एलोकेशन और रणनीतिक विचारों के आधार पर पोर्टफोलियो में सही संख्या में म्यूच्यूअल फंड (MF) निर्धारित करने वाले प्रमुख कारकों को देखते है।

विभिन्न फंड विकल्पों को लक्ष्यों और एसेट एलोकेशन के साथ संरेखित/अलाइन करके देखे

Aligning fund choices with goals and asset allocation – अपने पोर्टफोलियो को निवेश लक्ष्यों और एसेट एलोकेशन रणनीति के साथ संरेखित/अलाइन करना यह तय करने में पहला कदम है कि पोर्टफोलियो में कितने म्यूच्यूअल फंड (MF) रखने हैं।

चाहे आपका लक्ष्य लॉन्ग टर्म ग्रोथ, आय सृजन (इनकम जनरेशन) या पूंजी संरक्षण हो, म्यूच्यूअल फंड (MF) का चयन इन उद्देश्यों को प्रतिबिंबित करना चाहिए।

रणनीतिक एसेट एलोकेशन में रिस्क और रिवॉर्ड को संतुलित करने के लिए लार्ज-कैप, मिड-कैप, स्मॉल-कैप, सेक्टोरल फंड, डेट और थीमैटिक फंड जैसे विभिन्न एसेट क्लासों में अपने निवेश को फैलाना शामिल है। एक निवेशक प्रत्येक श्रेणी में अधिकतम दो फंडों में आवंटन पर विचार कर सकता है।

उदाहरण के लिए, स्थिरता के लिए लार्ज-कैप और विकास की संभावना के लिए स्मॉल-कैप सहित इक्विटी फंडों का मिश्रण रखने से आप विभिन्न क्षेत्रों में बाजार की वृद्धि को पकड़ सकते हैं।

डेट फंड पोर्टफोलियो की अस्थिरता को कम करने के लिए सुरक्षा का एक तत्व जोड़ते हैं।

रणनीतिक और सामरिक एसेट एलोकेशन दोनों को ध्यान में रखते हुए चुने गए फंड यह सुनिश्चित करते हैं कि आपका पोर्टफोलियो मजबूत और फ्लेक्सिबल दोनों हो।

फंड ओवरलैप से बचना चाहिए (Avoiding fund overlap)

म्यूच्यूअल फंड (MF) होल्ड करने में निवेशकों से होने वाली सबसे आम गलतियों में से एक फंड ओवरलैप है, जहां अलग-अलग फंड में एक ही स्टॉक या बॉन्ड होते हैं। इससे विशिष्ट क्षेत्रों या कंपनियों में अनजाने में ज्यादा बार निवेश हो जाता है।

इससे बचने के लिए, अलग-अलग रणनीतियों वाले फंड चुनने के लिए एलिमिनेशन की प्रक्रिया का उपयोग करना चाहिए। उदाहरण के लिए, आप एक ग्रोथ फंड, एक वैल्यू फंड और एक अंतरराष्ट्रीय इक्विटी फंड चुन सकते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक एक अलग उद्देश्य पूरा करता है।

इसके अलावा, सेक्टर ओवरलैप डायवर्सिफिकेशन लाभों को कम कर सकता है। उदाहरण के लिए, दो टेक्नोलॉजी सेक्टर फंड रखने से आपका पोर्टफोलियो अत्यधिक जोखिम में पड़ सकता है यदि उस सेक्टर में मंदी आती है।

अपने पोर्टफोलियो की नियमित समीक्षा और री-बैलेंसिंग करने से ओवरलैप को रोकने और डायवर्सिफिकेशन बनाए रखने में मदद मिलती है।

कोर बनाम सैटेलाइट फंड (Core vs. satellite funds)

एक अच्छी तरह से संरचित पोर्टफोलियो में अक्सर कोर और सैटेलाइट दृष्टिकोण होता है।

  • कोर में व्यापक-आधारित, लंबी अवधि के फंड जैसे इंडेक्स फंड या लार्ज-कैप इक्विटी फंड शामिल होते हैं जो आपके पोर्टफोलियो का आधार या नींव बनाते हैं। ये स्थिर, कम जोखिम वाले फंड होते हैं जो समग्र बाजार को ट्रैक करते हैं।
  • इसके विपरीत, सैटेलाइट फंड अधिक विशिष्ट होते हैं, जो उभरते बाजारों, थीमैटिक फंड या स्मॉल-कैप स्टॉक जैसे विशिष्ट क्षेत्रों या रणनीतियों को लक्षित करते हैं।

एक लॉजिकल एसेट एलोकेशन के लिए, सैटेलाइट फंड की संख्या कम रखी जाना चाहिए। ये फंड विशिष्ट बाजार अवसरों और रुझानों का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन बहुत अधिक होने से आपका पोर्टफोलियो बोझिल और प्रबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

कोर और सैटेलाइट फंड का संतुलित मिश्रण, ठोस बुनियादी बातों पर ध्यान केंद्रित करके आपके पोर्टफोलियो को अच्छा, फ्लेक्सिबल और कुशल बनाता है।

जोखिम और प्रदर्शन का प्रबंधन (Managing exposure and performance)

एक और महत्वपूर्ण बात है कि आपको अपने पोर्टफोलियो में व्यक्तिगत कंपनियों या सेक्टर्स के जोखिम को सीमित करना है।

उदाहरण के लिए, अपने म्यूच्यूअल फंड (MF) में किसी एक कंपनी की होल्डिंग के आकार पर कैप सेट करना सुनिश्चित करता है कि कोई भी स्टॉक आपके पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को अत्यधिक प्रभावित न करे। एक सामान्य दिशानिर्देश यह सुनिश्चित करना है कि आपके पोर्टफोलियो का 10-15% से अधिक हिस्सा किसी एक कंपनी या सेक्टर में केंद्रित न हो।

इसके अतिरिक्त, प्रत्येक फंड के प्रदर्शन की उसके प्रासंगिक बेंचमार्क के साथ तुलना करना महत्वपूर्ण है। ऐसे फंड की तलाश करें जो लगातार अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करते हों और साथ ही आपके जोखिम सहन करने की क्षमता और निवेश क्षितिज के साथ संरेखित हों।

चाहे आप एक्टिव फंड पसंद करते हों, जहां प्रबंधक बाजार को मात देने का लक्ष्य रखते हैं, या पैसिव फंड, जो बाजार सूचकांकों को ट्रैक करते हैं, महत्वपूर्ण बात यह है कि फंड में दोहराव से बचते हुए प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करें।

ग्रोथ vs वैल्यू : किसे चुने (Growth v/s Value: Which to choose from)

अंत में, आपके पोर्टफोलियो का सैटेलाइट हिस्सा ग्रोथ बनाम वैल्यू निवेश शैलियों को दर्शाना चाहिए।

ग्रोथ फंड उन कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिनसे आय में तेजी से वृद्धि की उम्मीद की जाती है, जबकि वैल्यू फंड रिकवरी की संभावना वाले कम मूल्य वाले शेयरों में निवेश करते हैं।

आप ब्याज दरों या तेल की कीमतों जैसे मैक्रोइकॉनोमिक कारकों के आधार पर सामरिक कॉल का उपयोग करके अपने सैटेलाइट होल्डिंग्स को एडजस्ट कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए, जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो आप कम अवधि के बॉन्ड वाले फंडों को प्राथमिकता दे सकते हैं, या जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो ऊर्जा क्षेत्र के फंड अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

इकनोमिक साइकल्स का मैक्रो और माइक्रो व्यू रखकर, आप इष्टतम प्रदर्शन के लिए अपने पोर्टफोलियो को चतुराई से एडजस्ट कर सकते हैं।

जादुई संख्या क्या है? (What’s the magic number?)

आम तौर पर, पोर्टफोलियो में म्यूच्यूअल फंड (MF) की आदर्श संख्या आठ से 12 के बीच होनी चाहिए, जो निवेशक के लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता पर निर्भर करती है।

यह सीमा निवेशक को प्रबंधित करने के लिए बहुत अधिक फंड के बोझ के बिना एसेट क्लासों में पर्याप्त डायवर्सिफिकेशन की अनुमति देती है। खराब प्रदर्शन करने वाले फंड की नियमित रूप से समीक्षा करें और उन्हें छाँटें तथा अत्यधिक डायवर्सिफिकेशन से बचें, जो अतिरिक्त लाभ के बिना जटिलता को जन्म दे सकता है।

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